हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मेला क्षेत्र में कहीं पर बालश्रम न हो। इसका हमें ध्यान रखना चाहिए। विशेषकर ढाबों, होटलों आदि में बालश्रम रोकने के लिए वालंटियर और बाल अधिकारों के संरक्षण से जुड़े संस्थाओं को भी इस दिशा में कार्य करना होगा। पुलिस का भी इसमें सहयोग मिल रहा है और आगे भी मिलेगा। यह बात मेलाधिकारी ने गुरुवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बाल हितैषी हरिद्वार महाकुंभ 2021 की संकल्पना की सफलता के लिए सीसीआर सभागार में आयोजित कार्यशाला में कही। कार्यशाला में बच्चों के शोषण को रोकने के लिए विभिन्न उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ ही पुलिस या चाइल्ड लाइन के माध्यम से उनकी मदद करने की जरूरत पर बल दिया गया। चाइल्ड राइट एक्सपर्ट नरेश पारस ने बाल अधिकार और उनका शोषण रोकने के संबंध में प्रावधानों की जानकारी दी। बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति के जिम्मेदार रोस्टर के हिसाब से मेला क्षेत्र में मौजूद रहेंगे। मेला क्षेत्र में शिविरों में रह रहे लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कहा कि हम सभी का मकसद है कि कुंभ को नो चाइल्ड लेबर जोन के रूप में राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर साबित कर दिखाना है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ तान्या मोंगा ने मेला या इवेंट आर्गेनाइजर कमेटी, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। आयोग की विधिक परामर्शदाता पल्लवी चैहान ने बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति से संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दी। बैठक में अपर मेलाधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र, सीओ सिटी अभय सिंह, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य सहित बड़ी संख्या में वालंटियर मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment