हरिद्वार। देवभूमि ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के पत्रकारिता एवम जनसंचार विभाग के छात्रों ने हरिद्वार में आयोजित हो रहे महाकुंभ में लाईव रिपोर्टिंग की और वृत्रचित्र का निर्माण किया। अपने इस भ्रमण के दौरान उन्होंने सन्यासियों के सबसे बड़ा अखाड़ा कहे जाने वाले जूना अखाड़ा एवम निरंजनी अखाड़े के नागाओं और संतों के विषय मे करीब से जाना। छात्रों ने संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि से भेंट की। श्रीमहंत हरिगिरि ने देवभूमि ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन को विश्वविद्यालय बनाए जाने पर बधाई दी और छात्रों को कुंभ की बारीकी से अवगत कराया। श्रीमहंत हरिगिरि ने छात्रों की कुंभ और नागा सन्यासियों को लेकर पूछे गए सभी सवालों का विस्तार से जवाब दिया। सन्यासियों के अखाड़ो के भ्रमण के बाद छात्रों का दल वैष्णव सम्प्रदाय के अखाड़ों को करीब से जानने के लिए बौरागी कैम्प मेला क्षेत्र पहुंचे। जंहा उन्होंने अलग- अलग श्रेणियों के महंतों से भेंट कर उनके सम्प्रदाय की गतिविधियों को करीब से जाना। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा.रमेश चन्द्र पाठक ने बताया कि सनातन धर्म को यदि बारीक से जानना हो और इसके मूल तत्वों से अवगत होना है तो महाकुंभ से बेहतर कोई अवसर नही है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के शैक्षिणक भ्रमण का भी यही उद्देश्य था। जिसमे न केवल महाकुंभ की गतिविधियों को करीब से जानना था अपितु छात्रों को महाकुंभ के दौरान लाईव रिपोर्टिंग, कैमरा संचालन और अन्य मीडिया गतिविधियों का व्यवहारिक एवं सैद्धान्तिक ज्ञान करना भी था। छात्रों के इस शैक्षिणक भ्रमण में महावीर सिंह नेगी (मीडिया संयोजक) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अलावा रजत रॉय, शरद पाल, पूजा भट्ट, सुमित यादव, तौकीर अंसारी, रोहण दहल और रिया केडिया सहित कई छात्रों ने प्रतिभाग किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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