हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना,अग्नि,आवाहन तथा किन्नर अखाड़े में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया गया। इसके साथ ही कुम्भ मेला 2021 की शुरूआत हो गयी। धर्म ध्वजा स्थापित किये जाने के दौरान हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। धर्म ध्वजा स्थापित किये जाने से पूर्व पूजन रमता पंच के श्रीमहंत केदारपुरी,महामण्डलेश्वर विमलगिरि तथा म0म0 स्वामी वीरेन्द्रानंद गिरि ने किया। धर्म ध्वजा स्थापित किये जाने के मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत,जिलाधिकारी सी रविशंकर,एसएसपी सैन्थिल अबुदईकृष्णराज एस सपत्नी पहुचे और पूजा अर्चनाकी। सायं चार बजे से प्रारम्भ हुई पूजा सम्पन्न होने के बाद सायं साढे पाॅच बजे धर्म ध्वजा स्थापित हुआ। सबसे पहले जूना अखाड़ा के धर्म ध्वजा को स्थापित किया गया,फिर अलख दरबार खड़ी की गयी। इसके बाद आवाहन अखाड़ा,फिर अग्नि अखाड़ा तथा किन्नर अखाड़े की ओर धर्म ध्वजा स्थापित किया किया। इस दौरान जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज,सभापित श्रीमहंत प्रेमगिरि,सचिव श्रीमहंत महेशपुरी,श्री महंत मोहन भारती,श्रीमहंत गणपत गिरि,श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि के अलावा आवाहन अखाड़े की ओर से अध्यक्ष श्रीमहंत सत्यगिरि,अग्नि अखाड़े के सभापति ब्र0मुक्तानंद बापू,श्रीमहंत साधनानंद,महामण्डलेश्वर विष्णुदेवानंद,दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि, श्रीमहंत नीलकंठ गिरि,श्रीमहंत बिहारी गिरि,श्रीमहंत राजेश गिरि,श्रीमहंत राजेन्द्र भारती,श्रीमहंत भोला गिरि,श्रीमहंत कैलाशपुरी,श्रीमहंत बालयोगी पुरी,श्रीमहंत मनमोहन गिरि,श्रीमहंत घनश्याम गिरि के अलावा किन्नर अखाड़े की ओर से आचाार्य महामण्उलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी,महामण्डलेश्वर पवित्रानंद गिरि,किन्नू माॅ सहित अन्य मौजूद रहे। भक्तिमय हो गया। धर्म ध्वजा स्थापित किये जाने के मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत,जिलाधिकारी सी रविशंकर तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैन्थिल अबुदईकृष्णराज एस अपनी अपनी पत्नियों के साथ पहुचकर पूजा अर्चना कर कुम्भ मेला 2021 के सकुशल सम्पन्न होने की कामना की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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