हरिद्वार। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने उत्तराखंड सरकार से कुंभ मेले में पंडाल लगाकर भजन, कीर्तन, कथा व भंडारा करने के लिए व्यवस्था कराने की मांग की है। सोमवार को छावनी में पत्रकारों से बातचीत में नरेंद्र गिरी ने कहा कि प्रयागराज में संपन्न हुए माघ मेले की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार को व्यवस्थाएं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। न वहां कोरोना फैला न कोरोना से किसी की मौत हुई। कहा कि वहां परंपरागत तरीके से ही माघ मेला सरकार हुआ। माघ मेले में टेंट भी लगे और भजन-कीर्तन भी हुआ। नरेंद्र गिरी ने कहा कि उत्तराखंड देवों और संतों की तपोस्थली है। चार धाम राज्य में है। सरकार को कोरोना से डरने की नहीं बल्कि सावधानी की जरूरत है। नरेंद्र गिरी ने कहा कि सरकार बेफिक्र होकर कुंभ मेला कराए। जहां लोगों को कथा, भजन-कीर्तन सुनने को मिले। श्रद्धालु संतों का आशीर्वाद ले सकें। ऐसी व्यवस्था सरकार को तुरंत उपलब्ध करानी चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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