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देश दुनिया में धर्म की पताका फहरा रहे हैं संत महापुरूष-स्वामी कैलाशानंद गिरी

 हरिद्वार। पेशवाई का शुभारंभ करते हुए निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को शुभकामनाएं व आशीवर्चन देते हुए कहा कि पेशवाई में संत महापुरूषों के दर्शन श्रद्धालु भक्तों को आनन्दित करते हैं। धर्म की पताका को दुनिया में फहराने का विशेष महत्व संत महापुरूष निभाते चले आ रहे हैं। धार्मिक क्रियाकलाप ही हिंदू संस्कृति को दर्शाने का सबसे सशक्त माध्यम हैं। अपनी पंरपरांओं का निर्वहन करते हुए हिंदू संस्कृति विशेषताओं को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान निकाली जाने वाली अखाड़ों की पेशवाई कुंभ का विशेष आकर्षण होती है। पेशवाई के बाद अखाड़े के समस्त नागा सन्यासी व संत महापुरूष अखाड़े की छावनी में रहकर धार्मिक क्रियाकलाप संपन्न करेंगे। परंपरांओं के अनुरूप ही पेशवाई का श्रीगणेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू संस्कृति को दर्शाने वाले कुंभ पर्व पर देश दुनिया के लिए धार्मिक आयोजन विशेष महत्व रखते हैं। निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ पर्व हिंदू संस्कृति को दर्शाने वाले प्रमुख पर्व है। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परंपरा के दर्शन कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को होते हैं तथा संत महापुरूषों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद व संत महापुरूषों के सानिध्य में कुंभ दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ शास्त्र सम्मत सनातन परंपरांओं को नजदीक से जानने समझने का अवसर होता है। श्रद्धालु भक्तों को सनातन संस्कृति को समझते हुए उसके अनुरूप आचरण करना चाहिए। चरित्रवान व्यक्ति ही राष्ट्रहित में अपना योगदान देता है। उन्होंने कहा कि हरि की नगरी में कुंभ दर्शन का लाभ आस्थावान श्रद्धालुओं को अवश्य उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संत महापुरूषों के दिव्य दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में भक्त की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। एक ही स्थान पर संत महापुरूषों के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे बेहतर कुंभ मेला है। श्रद्धालुओं को इस पवित्र अवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।