हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में संतों से आशीर्वाद लेने पहुंचे। जहां उन्होंने अखा़ड़े के संतों से कुंभ मेेले की व्यवस्थों पर चर्चा की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज, निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य म.म.स्वामी कैलाशानन्द गिरी, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य म.म.बालकानन्द गिरी एवं मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने मुख्यमंत्री को शाॅल ओढ़ाकर एवं उनकी पत्नी को माता की चुनरी ओढ़ाकर आशीर्वाद प्रदान किया। साथ ही मां मंशा देवी की प्रतिमा भी भेंट की। इस दौरान श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने मांग करते हुए कहा कि कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री गम्भीरता दिखा रहे है। उन्होंने कहा कि 2010 के कुम्भ मेले की तर्ज पर टेन्ट, बिजली, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्थाएं प्रदान की जाये। संत महापुरूषों को कुम्भ की व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। संत महापुरूषों एवं श्रद्धालुओं की आस्था को दृष्टिगत रखते हुए कुम्भ मेले से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी तेरह अखाडों के लिए टेंट एवं सीवर की व्यवस्थ को सुचारू कर मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य म.म. स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुम्भ की दिव्यता भव्यता को लेकर मुख्यमंत्री विशेष रूचि ले रहे है। जिसके लिए सीएम साधूवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द भूमि आबंटन की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाना चाहिए। आनन्द पीठाधीश्वर म.म.स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुम्भ मेले में पूजा पाठ, कथा प्रवचन पर लगी पाबंदियों को भी सरकार को हटाना चाहिये। जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। निरंजनी अखाड़े के कुंभ मेेला प्रभारी श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कुम्भ मेला भारतीय संस्कृति की पहचान है। कुम्भ की दिव्यता भव्यता को लेकर सरकार को ठोस उपाय करने चाहिए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संतों को आश्वस्त करते हुए कहा कि 2010 में संपन्न हुए कुंभ की तर्ज पर ही अखाड़ों व संत महापुरूषों को सुविधाए प्रदान की जाएंगी। इस दौरान म.म.स्वामी ललितानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत दिनेशा गिरी, महंत राधे गिरी, महंत नीलकंठ गिरी, महंत शंकरानंद सररस्वती, महंत नरेश गिरी, स्वामी केशवपुरी, महंत मनीष भारती, विधायक संजय गुप्ता, पूर्व राज्यमंत्री पंकज सहगल, कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।ं
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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