हरिद्वार। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल द्वारा अपने कार्यालय में कल एक व्यक्ति को डूबने से बचाने वाले नोजवान को सम्मानित किया गया। घटनाक्रम कुछ इस प्रकार से रहा कि कल 21 मार्च को दोपहर के समय कांगड़ा दीप घाट के पास एक व्यक्ति पैर फिसलने से गंगा जी मे गिर गया और गंगा जी के प्रवाह के साथ बहने लगा, तैरना न आने के कारण यह व्यक्ति डूबने की स्थिति में आ गया और बचाओ, बचाओ की पुकार लगाने लगा। गंगा किनारे बैठे तीन नवयुवकों राज, करन और रमेश के कानों में उस डूबते व्यक्ति की चींख पुकार पड़ी तो उनके द्वारा समय गंवाये बिना देवदूत बन कर डूबने वाले व्यक्ति को बचाने के लिए गंगा जी मे कूद गए। काफी मशक्कत के बाद उक्त तीनों के द्वारा उक्त व्यक्ति को बचाने में सफल हो गए और उसे खींच कर किनारे पर ले आये। मौत के मुह से बच कर वापस आये उस व्यक्ति ने अपना नाम सोमांश पुत्र ओम प्रकाश, उम्र 24, निवासी शास्त्रि नगर, सहारनुर, उ०प्र० बताया और अपनी जान बचाने वाले देवदूतों को कोटि-कोटि नमन व धन्यवाद देने लगा। पूरा घटनाक्रम देखने-सुनने वाले लोग भी इन तीनो नोजवानों के साहस और नेक काम की सराहना करते नही थक रहे थे। मेला कंट्रोल रूम के द्वारा इन तीनो नवयुवकों के जीवनदायिनी काम के बारे में जब आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल को सूचित गया तो उन्होंने तत्काल इन तीनो लड़कों को सम्मानित करने का आदेश दिया। आईजी कुम्भ के आदेश के अनुसार आज इन तीनो नवयुवकों को आईजी कुम्भ कार्यालय में आमंत्रित किया गया जहां आईजी कुम्भ महोदय के द्वारा इन तीनो लड़कों को उनके परोपकारी कार्य के लिए पुष्पगुच्छ देकर ओर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा आईजी कुम्भ के द्वारा इन तीनों नवयुवकों को कुम्भ मेला अवधि के दौरान संविदा पर गोताखोरी के कार्य के लिए विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त कर का पहचान पत्र भी दिया गया। आईजी कुम्भ द्वारा कहा गया की ऐसे हिम्मती और परोपकारी नोजवान हमारे असली हीरो हैं, जो आजकल की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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