हरिद्वार। मुख्यमंत्री द्वारा बैरागी अखाड़ो को जमीन आवंटन किये जाने के निर्देश के बाद सेामवार को जमीन आवंटन का कार्य प्रारम्भ हो गया। अपर मेलाधिकारी हरबीर सिहं ने बैरागी कैम्प क्षेत्र पहुचकर भूमि आवंटन की शुरूआत करते हुए नाप शुरू कर दी। कुम्भ मेला का नोटिफिकेशन नजदीक आने के साथ कुम्भ में आने वाले संतों के लिए भूमि के आवंटन का कार्य शुरू हो चुका है आज अपर मेला अधिकारी हैं अपने स्टाफ के साथ बैरागी कैंप पहुंचे जहां उन्होंने संतो को दी जाने वाली भूमि की नाप तोल कराई। कुम्भ में आने वाले संत अब हरिद्वार पहुंचने शुरू हो गए हैं। पूर्व में बैरागी संतो और शंकराचार्य द्वारा भूमि के आवंटन को लेकर सरकार और मेला प्रशासन को कई बार नाराजगी व्यक्त की गई थी। जिस पर नए मुख्यमंत्री आने के बाद अब कार्य में तेजी आती दिखाई दे रही है जिस क्रम में आज मेला प्राधिकरण की ओर से अपार मेला अधिकारी हरवीर सिंह अपने स्टाफ के साथ बैरागी कैंप पहुंचे जहां उन्होंने बैरागीयों को दी जाने वाली भूमि की नाप तोल करवाई। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों को बताया कि बैरागियों की तीनों आणिया जिनके पास अपनी भूमि नहीं है और वे पूर्व के कुंभ के दौरान बैरागी कैंप में ही छावनी बनाते चले आ रहे हैं। उनको मुख्यमंत्री के आदेश पर भूमि देने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा जिस की पैमाइश आज की जा रही है। उन्होंने बताया कि तीनों आणियो के श्रीमहंत जल्द ही हरिद्वार पहुंच रहे हैं जिनसे वार्ता कर आणियो को भूमि सौंपी जाएगी और फिर ये आणिया अपने संतो को भूमि देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जिन संतों को 2010 में कुंभ क्षेत्र में भूमि का आवंटन किया गया था उन्हें और शंकराचार्य को थी कुंभ मेले में भूमि का आवंटन जल्दी कर दिया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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