Skip to main content

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैरागी कैंप पहुंचकर तीनों वैष्णव अनी अखाड़े के संतों से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की

 

हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैरागी कैंप पहुंचकर तीनों वैष्णव अनी अखाड़े के संतों से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में मुख्यमंत्री ने संत महापुरुषों के साथ विधि विधान से हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। जिसके बाद संतो ने उन्हें फूल माला पहनाकर स्वागत किया। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि बैरागी कैंप अनादि काल से वैष्णव संतो के लिए आरक्षित भूमि रही है। कोरोना के चलते बैरागी संतो को भूमि आवंटन में देर मेला प्रशासन द्वारा की गई है। वैष्णव संत शुरू से ही भूमि आवंटन समेत मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग करते चले आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की उदासीनता के चलते कुंभ मेले की व्यवस्थाएं नहीं हो पाई थी। लेकिन अब युद्ध स्तर पर मेले की तैयारियां की जाएं। जिससे सभी वैष्णव संत और खालसे अपनी अपनी तैयारियां पूरी कर सकें। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैष्णव संतो की भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य में तुरंत सत्ता परिवर्तन किया और नवनियुक्त मुख्यमंत्री को मेला भव्य रुप से संपन्न कराने के लिए जो निर्देश दिए इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री निर्णय लेने में सक्षम नहीं थे। इसलिए उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी। श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री सनातन प्रेमी है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बैरागी कैंप में भूमि आवंटन का कार्य शुरू हुआ है। जोकि कुंभ के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान जब धार्मिक अनुष्ठान हवन यज्ञ आदि संचालित होंगे तो कोरोनावायरस स्वयं ही समाप्त हो जाएगा। श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राम कृष्णदास नगरिया महाराज ने कहा कि कुंभ मेले से संत महापुरुषों एवं करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। महंत गौरी शंकर दास एवं महंत रामजी दास महाराज ने कहा कि 12 वर्ष की लंबी अवधि के बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है और वैष्णव संत कुंभ मेले के मुख्य केंद्र बिंदु होते हैं। सरकार को मेले की व्यवस्थाएं ऐतिहासिक रूप से करा कर मेले को और दिव्य और भव्य रुप से संपन्न कराना चाहिए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी संत महापुरुषों को आश्वासन देते हुए कहा कि कुंभ मेले से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं संत महापुरुषों को उपलब्ध करायी जाएंगी। जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। भूमि आवंटन का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा और मूलभूत सुविधाओं पर तेजी से कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत महापुरुषों और सरकार के समन्वय से कुंभ मेला दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कोरोना के चलते व्यवस्थाओं में थोड़ी देरी हुई है। लेकिन अब सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए है।ं उससे कुंभ मेला दिव्य और सुरक्षित रूप से संपन्न होगा कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालु सरकार की गाइडलाइन का पालन अवश्य करें। इस दौरान जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य, कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, भाजपा नेता संजय चोपड़ा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामशरणदास, महंत रामजीदास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मनीष दास, म.म.भगवानदास खाकी, महंत मोहनदास खाकी, महंत रामप्रवेश दास, महंत हरिदास, महंत ऋषिकुमार दास, म.म.सरजूदास महात्यागी, म.म.आरीदास, म.म.भैयाजी महाराज, म.म.त्रिवेदी दास, म.म.महात्मा दास त्यागी, म.म.बालकदास महात्यागी, म.म.रामदास, महंत हिटलर बाबा, महंत रामदास, महंत पवनदास आदि मौजूद रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।