हरिद्वार। मनोज खन्ना- उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सोमवार को श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे की पेशवाई में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने पेशवाई मार्ग पर संतों के आने से पहले झाड़ू लगाई। इसके बाद न केवल उन्होंने गढ़वाल का प्रसिद्ध वाद्य यंत्र दमाऊ बजाया, बल्कि पहाड़ के लोकगीतों पर जमकर थिरके भी। सोमवार को शहर की सड़कों पर निकली श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे की पेशवाई का स्वागत करने हरीश रावत कनखल पहुंचे। इस दौरान शिवडेल स्कूल के पास कांग्रेस द्वारा स्वागत कार्यक्रम में उन्होंने भाग लिया। जिस मार्ग से पेशवाई आ रही थी रावत ने संतों के सम्मान में उस मार्ग पर कांग्रेसियों के साथ झाड़ू लगाई। पेशवाई में शामिल संतों को फूल-माला पहनाकर स्वागत किया। पेशवाई की शोभा बढ़ा रहे गढ़वाली वाद्य यंत्र दमाऊ को गले में डाल बजाया, जिसके बाद गढ़वाली लोक गीतों की धुन पर वे जमकर थिरके। इस दौरान पेशवाई में शामिल एक संन्यासी द्वारा रावत को चिलम भरकर दी गई, जिसे रावत ने माथे से लगाकर स्वीकार तो किया लेकिन दम नहीं लगाया। रावत ने इस दौरान किसान कांग्रेस द्वारा कई जगह पेशवाई के स्वागत कार्यक्रमों में भी शिरकत की, जिसके बाद वे देहरादून लौट गए। हरीश रावत ने कहा कि अखाडे हिन्दू धर्म की पहचान हैं। वे पेशवाई का स्वागत और संतों का आशीर्वाद लेने हरिद्वार आये हैं। कुंभ के दौरान पेशवाई में आये संतों के दर्शन सालों में एक बार ही होते हैं। पेशवाई में पहली बार पहाड़ के लोक संगीत के साथ प्रचलित वाद्य यंत्र भी देखने को मिले, जिसपर मैं खुद को थिरकने से नहीं रोक पाया। हरीश रावत के साथ पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, पुरुषोत्तम शर्मा, मनीष कर्णवाल, दिनेश वालिया, राजवीर चैहान, रतन सिंह, तोष जैन आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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