हरिद्वार। कोरोना की बढ़ती मरीजों के बीच कुम्भ नगरी में अध्यात्मिक कार्यक्रम तेज होने लगे है। मंगलवार को नीलधारा स्थित चंडीटापू में मंगलवार को पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की छावनी में उनके प्रतिनिधि प्रफुल्ल चैतन्य ब्रह्मचारी और मेलाधिकारी दीपक रावत ने विधि-विधान से भूमि पूजन, कलश पूजन, धर्मध्वजा पूजन कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धर्म ध्वजा स्थापित की। इस मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि आज नीलधारा टापू पर धर्म ध्वजा स्थापना, भूमि पूजन आदि शुभ कार्य सम्पन्न हुए हैं। आने वाले मेले के लिए हमारे सभी कार्य ऐसे ही सम्पन्न हों, ऐसी हम प्रार्थना करते हैं। कोरोना की जांच के सम्बंध में उन्होंने कहा कि सीएमओ हरिद्वार से कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने के सम्बंध में भी चर्चा हुई है। इस दौरान स्वामी प्रबोधानंद गिरि, राजेश चैतन्य ब्रह्मचारी, स्वामी विद्या चैतन्य नैमिषारण्य, द्वारका शारदा पीठ से स्वामी मुकुन्दानंद ब्रह्मचारी, आचार्य कुमुदकांत मिश्र, आचार्य शिवराम झा,मनोज पाठक, अपर मेलाधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, मीनू गुप्ता, आदित्य आदि मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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