हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग में चल रहे औषधीय पादप महाकुंभ के क्रम में मंगलवार को इंटरव्यू: टूल्स एवं टेक्नीक ऑनलाइन माध्यम से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता मारटिंडेल लन्दन के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के टीम लीडर भूपेंद्र कौशिक ने संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों से इंटरव्यू कैसे दिया जाता है, फार्मा कंपनी में चयन के लिए इंटरव्यू में किस-किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, नियोक्ता कंपनी अभ्यर्थी से क्या और किस तरह का योगदान चाहती है, विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि जब छात्र अपनी शिक्षा पूरी कर नौकरी के लिए कंपनी में आवेदन करता है तो उसका बायोडाटा कैसा होना चाहिए। बायोडाटा में क्या-क्या चीजें शामिल की जानी चाहिए और क्या नहीं, इस पर विस्तार से बतायाप् छात्रों ने सीधे डा. कौशिक से संवाद कर अपने प्रश्नों का उत्तर जाना। कार्यक्रम के अध्यक्ष असम केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के डा. राम कुमार साहू ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय औषधीय पादप कुंभ के माध्यम से आयुर्वेद एवं औषधीय पादप तथा इनसे निर्मित रसायनों को विश्वभर में प्रसारित करने का काम कर रहा है । विभागाद्यक्ष डा. सतेन्द्र राजपूत ने सभी प्रतिभागियों को औषधीय पादप कुम्भ के फायदे एवं भविष्य में इस से होने वाले फायदों के बारे में बताया । कार्यक्रम में डा. अश्वनी कुमार, डा. विनोद नौटियाल, डा. कपिल कुमार, डा. विपिन कुमार, डा. प्रिंस प्रशांत शर्मा, बलवंत रावत, रवींद्र कांबोज, दीपक नेगी, नरेश कुमार, कमल नेगी, मंजीत सिंह आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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