हरिद्वार। कुम्भ मेला क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ने का सिलसिला जारी है। शहरी क्षेत्र में संक्रमित होने वालों में संतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सैंपलिंग में तेजी के साथ ही अखाड़ों में कोरोना सक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। कुंभ के पहले और दूसरे शाही स्नान के बाद अखाड़ों में कोरोना की स्थिति विस्फोटक हो गयी है। आज भी सौ से ज्यादा संत संक्रमित पाए गए हैं, जिससे चिंताए बढ़ना स्वाभाविक है। दूसरी ओर कुंभ के दौरान संतों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने अकबरपुर ऊद गांव स्थित श्री पंचायती अखाडा बड़ा उदासीन में संतों की कोरोना जांच की। जांच के दौरान कोई संत संक्रमित नहीं मिला। जनपद में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 568 नये मामले दर्ज किये गये। इनमें हरिद्वार अर्बन एरिया में सर्वाधिक 193 संक्रमितों के अलावा बहादराबाद क्षेत्र से 102 नये संक्रमित मिल है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके झा के मुताबिक कुंभ मेला क्षेत्र में संतों समेत 175 की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा जनपद के सीमा पर 175 कोरोना के मरीज मिले जिन्हे मिलाकर कुल 743 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि शाम तक 34119 लोगों की कोरोना जांच की गई। शनिवार को आयी जांच रिपोर्ट में बॉर्डर, अस्पताल और जिले में शाम 5 बजे तक आयी रिपोर्ट में कोविड पॉजिटिव आंकड़ा 743 दर्ज किया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग ने जनपद के विभिन्न जांच केंद्रों पर 34 हजार 119 लोगों का कोविड सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। सीसीसी में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 448, जबकि डीसीएचसी अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 126 जबकि डीसीएच अस्पताल में आंकड़ा घटकर 83 हो गया है। होम आइसोलेट किये गए मरीजों की संख्या 663 दर्ज की गई है। जनपद में अब तक कुल 10 लाख 7 हजार 777 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं जिनमें से 9 लाख 54 हजार 168 नेगेटिव, जबकि 19 हजार 929 पॉजिटिव आये हैं। 23 हजार 332 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है जबकि 78 लोगों को विभिन्न सीसीसी से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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