हरिद्वार। जनपद के साथ ही सीमाओं पर शनिवार को कुल 235 कोरोना संक्रमित पाए गए। जिले की सीमाओं और मेला अस्पताल में करीब 10 हजार लोगों के कोविड टेस्ट किए गए। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार को कोविड मरीजों को आंकड़ा गुरुवार की तुलना में कम दर्ज किया गया। जांच में 235 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। जिला स्वास्थ्य विभाग ने जनपद के विभिन्न जांच केंद्रों पर 17644 लोगों का कोविड सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। सीसीसी में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 234, जबकि डीसीएचसी अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 91 तथा डीसीएच अस्पताल में 41 लोग भर्ती किये गए हैं। होम आइसोलेट किये गए मरीजों की संख्या 363 दर्ज की गई है। शनिवार को जिले में 729 एक्टिव केस थे। जनपद में अब तक 16316 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। शनिवार को 31 लोग कोरोना से जंग जीत होम आइसोलेशन से अवमुक्त कर दिए गए। वहीं, हरिद्वार बॉर्डर पर कुल 10010 लोगों का कोरोना रैपिड एंटीजेंट व आरटीपीसीआर टेस्ट किये गए, जिसमें से 9 हजार 998 लोग नेगेटिव जबकि 12 लोग पॉजिटिव दर्ज किए गए। बॉर्डर पर रिपोर्ट न लाने वाले 4500 से अधिक यात्रियों को वापस लौटा दिया गया। बॉर्डर पर जांच में संक्रमित पाए गए 19 लोगों को भी वापस घर भेज दिया गया। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि जनपद में अब तक 8 लाख 21 हजार 799 लोगों के सैंम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं जिनमें से 8 लाख 14 हजार 074 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। 07 हजार 708 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। शनिवार को आई कोरोना रिपोर्ट में निरंजनी और जूना अखाडे के 6 साधु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिन्हें फिलहाल आइसोलेट कर दिया गया है, साथ ही चार दिन में इनकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर संपर्क में आये संतों का भी कोरोना टेस्ट कराया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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