हरिद्वार। सोमवार को एक बार फिर जूना अखाड़े से जुड़े 6 बड़े संत कोरोना संक्रमित आये हैं। जनपद में अबतक के सबसे ज्यादा 462 लोग संक्रमित दर्ज किए गए हैं जिन्हें आइसोलेट कर दिया गया है। जिले की सीमाओं पर कुल 40401 लोगों की टेस्टिंग की गई। रविवार को अखाडों में किये गए कोरोना टेस्ट में जूना अखाडे के जल गिरी सहित कुल 6 संतों के संक्रमित आने से हड़कंप की स्थिति बन गयी है। निरंजनी अखाड़े में जहां पहले ही 5 संत संक्रमित आ चुके हैं वहीं जूना अखाड़े के भी तीन संत संक्रमित हो चुके हैं जिन्हें आइसोलेट किया जा चुका है। सोमवार को जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कोविड आंकड़ा रविवार के आंकड़े को पीछे छोड़ता आगे निकल गया। जांच में बॉर्डर, अस्पताल और जिले में 462 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। जिला स्वास्थय विभाग ने जनपद के विभिन जांच केंद्रों पर 26694 लोगों का कोविड सेम्पल जांच के लिए भेजे हैं। सीसीसी में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 268, जबकि डीसीएचसी अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 105 तथा डीसीएच अस्पताल में 44 लोग भर्ती किये गए हैं। होम आइसोलेट किये गए मरीजों की संख्या 471 दर्ज की गई है। सोमवार को जिले में एक्टिव केस बढ़कर 888 हो गए हैं। जनपद में अबतक 17037 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सोमवार को 11 लोग कोरोना से जंग जीत होम आइसोलेशन से अवमुक्त कर दिए गए। वहीं हरिद्वार के तमाम बॉर्डर पर कुल 40 हजार 491 लोगों का कोरोना रेपिड एंटीजेंट व आरटीपीसीआर टेस्ट किये गए, जिसमें से 40 हजार 379 लोग नेगेटिव जबकि 112 लोग पॉजिटिव दर्ज किए गए। बॉर्डर पर रिपोर्ट न लाने वाले 9 हजार से अधिक यात्रियों को वापस लौटा दिया गया। सीएमओ डॉ एस के झा ने बताया कि जनपद में अबतक 8 लाख 71 हजार 887 लोगों के सेम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं जिनमें से 8 लाख 54 हजार 169 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। 17 हजार 668 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। जबकि बॉर्डर की टेस्टिंग इस आंकड़े से अलग है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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