हरिद्वार। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़ा एवं अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के संत क्रमानुसार शाही स्नान के लिए बैरागी कैंप से बैंड बाजों, ढोल नगाड़ों के साथ शाही ठाठ बाट स्नान के लिए हरकी पैड़ी रवाना हुए। जिसमें सबसे पहले निर्वाणी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास, दिगंबर अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्ण दास एवं निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज के नेतृत्व में हजारों की संख्या में वैरागी संत हरकी पैड़ी पहुंचे। संतों ने हरकी पैड़ी पर स्नान से पूर्व हनुमान जी के निशान को स्नान कराया । शाही स्नान के लिए रवाना होने से पूर्व श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद के अध्यक्ष श्रीमहंत दिलीप दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला लोक आस्था का महापर्व है। जो करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को धर्म के माध्यम से विश्व भर में दर्शाता है। कुंभ मेले के दौरान संतों का सैलाब एवं श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आकर्षण का मुख्य केंद्र होती है। विश्व का सबसे बड़ा आयोजन कुंभ मेला संपूर्ण मानवता को एकता व अखंडता का संदेश प्रदान करता है। मुख्य ट्रस्टी महेंद्र भाई झा ने कहा कि वैरागी संत कुंभ मेले की शान हैं। दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु भक्त वैष्णव संतो के युद्ध कौशल से प्रभावित होते हैं। वैष्णव अखाड़ों की गौरवशाली परंपराएं विश्व विख्यात हैं, जो सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में पहराती हैं। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के माध्यम से लोगों को आस्था के साथ जोड़ना महाकुंभ का प्रमाण है। अलौकिकता व दिव्यता से भरा महाकुंभ मेला सभी को आकर्षित कर संतो के दिव्य दर्शन व आशीर्वाद से फलीभूत करता है। उन्होंने कहा कि शाही स्नान के पावन दिन पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगाने मात्र से ही व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है और जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा महाराज ने कहा कि 12 वर्ष की लंबी अवधि के बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है। जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भक्त आस्था की डुबकी लगाकर स्वयं को कृतार्थ करते हैं। पतित पावनी मां गंगा की असीम कृपा से कुंभ मेला दिव्य एवं भव्य रुप से संपन्न होगा। इस दौरान महंत रासबिहारी दास काठियाबाबा, महंत फूलडोल दास, महंत रामजी दास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत गौरी शंकर दास, महंत अनिरुद्ध दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत रामशरण दास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत प्रेमदास, महंत लाल दास, महंत अगस्त दास, महंत मोहन दास, महंत विष्णु दास, बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास, दिगंबर आशुतोष पुरी, महंत रामदास, महंत पवनदास, महंत सनत कुमार दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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