हरिद्वार। कुम्भ के पावन पर्व पर वाल्मीकि आश्रम कनखल में आश्रम के महंत तथा वाल्मिीकि पीठ के पीठाधीश्वर मानदास महाराज के सानिध्य में पूर्ण विधि विधान से धर्मध्वजा स्थापित की गयी। इस अवसर पर महंत मानदास महाराज ने कहा कि भगवांन वाल्मीकि ने रामायण लिख कर सम्पूर्ण समाज को अपने बुजुर्गों के प्रति सम्मान व आदर्श पुरुष बनने का सन्देश दिया। आचार्य स्वामी नित्यानंद, महन्त भगवान दास महाराज, महंत खूबदास महाराज रविदास अखाड़ा अवंतिका पूरी उज्जैन व साध्वी कृष्णा भारती ने अपनें मुखारविंद से उपस्तिथ धर्म प्रेमियों को कुम्भ की उतपत्ति कैसे हुई इस पर चर्चा कर धर्म के प्रति लोगों को जागरूक किया तथा महऋषि वाल्मीकि भगवान व संत रविदास के आदर्शों को अपने जीवन मे अपनाने की प्रेरणा दी। संतो ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर ने जो अधिकार हम सबको दिए हैं। उसका समाज मे प्रचार, प्रसार करने की सख्त आवश्यकता है ताकि समाज मे जाग्रति पैदा हो सकें। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष अमीलाल बाल्मिीकि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर इस चै.सुरेन्द्र तेश्वर, भंवर सिंह, राजेन्द्र श्रमिक, अशोक तेश्वर, राजेन्द्र चुटैला, आनन्द कांगड़ा, नवीन तेश्वर, अशोक धिंगान, सुनील राजौर, सलेकचन्द, राजेश बादल, अनमोल बिरला, लोकेश, आत्माराम बेनीवाल, नाथी राम पिवाल, अशोक छाछर, संजय मूलनिवासी, रफलपाल, रूप चंद एडवोकेट, सरोजपाल, मनोज, अजय कुमार, ओमवती, सचिन तेश्वर, शिवकुमार तेश्वर, सत्यपाल चंचल, शिवप्रसाद,आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्तिथ रहे। कार्यक्रम का संचालन विपिन पेवल ने किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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