हरिद्वार। कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत ने मुख्य शाही स्नान सकुशल सम्पन्न होने के बाद मेला अधिष्ठान से जुड़े सभी अधिकारियों,सुरक्षाबलों के साथ साथ स्वयंसेवी संस्थाओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होने कहा कि कुंभ की अधिकारिक अवधि 30 अप्रैल तक ही रहेगी। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कोविड संक्रमण के खतरों को देखते हुए सरकार ने मेला जल्द समेटने की अटकलों को खारिज कर दिया है। दूसरी तरफ भीड़ कम होने के कारण एक-दो दिन में फोर्स की वापसी भी शुरू हो जाएगी। बुधवार को हरिद्वार कुंभ का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव बैसाखी पर्व संपन्न हो गया है। कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि कुंभ मेला जनवरी में शुरू होना था, लेकिन कोरोनाकाल को देखते हुए राज्य सरकार ने अप्रैल में इसे शुरू करने का फैसला किया। केंद्र की एसओपी के अनुसार स्थिति के मद्देनजर मेला की अवधि को कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेले की अवधि कम करने के संबंध में अभी मेरे पास जानकारी नहीं है। उन्होंने मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों, स्वयं सेवकों का स्नान पर्वों में हर स्तर पर सहयोग देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा कि हरिद्वार कुंभ की अधिकारिक अवधि 30 अप्रैल तक ही रहेगी। कोविड संक्रमण के खतरों को देखते हुए सरकार ने मेला जल्द समेटने की अटकलों को खारिज कर दिया है। मेला आईजी संजय गुज्याल ने कहा कि इस बार तय समय में शाही स्नान सकुशल सम्पन्न हो गया। उन्होने कहा कि अभी तीन और स्नान पर्व है,लेकिन दूसरी तरफ भीड़ कम होने के कारण एक-दो दिन में फोर्स की वापसी भी शुरू हो जाएगी।वार्ता के दौरान कुम्भ मेला एसएसपी जन्मेजय खण्डूडी,उपमेलाधिकारी अंशुल सिंह तथा नोडल अधिकारी सूचना मनोज श्रीवास्वत भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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