हरिद्वार। धर्मनगरी में महाकुंभ का पर्व चल रहा है। महाकुंभ पर्व धर्म-कर्म और अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है। इस दौरान कई संस्थाएं जनहित के कार्य भी करती है।ं जिसमें श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल कैंप भी लगाए जाते हैं। कुंभ मेले में अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बैरागी कैंप में दो दिवसीय निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद एवं महावीर सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने वैदिक मन्त्रोंचार से किया। बैरागी कैंप में दो दिवसीय निःशुल्क नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण शिविर का उद्घाटन करते हुए पुरी शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देव तीर्थ महाराज ने कहा कि यह शिविर महावीर सेवा समिति कोलकाता, आभा बागरोदिया चैरिटेबल ट्रस्ट एवं श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ महाराज ने कहा की संतों का जीवन समाज के कल्याण के लिए समर्पित होता है। संत समाज को दिशा देते हैं ओर आरोग्य प्रदान करते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि इस शिविर का लाभ उठाए। जिसमे मौके पर ही नेत्र जांच कर निःशुल्क चश्मा दिया जायेगा। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कुंभ पर्व को देखते हुए चिकित्सा शिविर आयोजित कराया गया है। शिविर चिकित्सों द्वारा नेत्र परीक्षण कर उचित परामर्श व दवाएं दी जाएंगी। साथ ही निःशुल्क चश्मा वितरण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन सभी को करना चाहिए। सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराने में अपना योगदान दें। इस अवसर पर रामदास महाराज, महेश दास महाराज, नरेंद्र दास महाराज, रामशरण दास महाराज, मनुदास महाराज, सीओ अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल, सेक्टर मजिस्ट्रेट सचिन योगीराज, अजय ब्राह्मण्डगुरु, निर्मोही रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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