हरिद्वार। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा है कि संत उदारवादी और आनंद की प्रतिमूर्ति होते हैं। जो पूरे विश्व में धर्म की ध्वजा को फहराते हैं। बैरागी कैंप स्थित श्री राधा सर्वेश्वर सेवा संस्थान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि राधा मोहन देवाचार्य महाराज एक तपस्वी संत हैं। जिनकी शिक्षाएं प्राणी मात्र में नैतिकता और सदाचार का संचार करने वाली हैं। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान विश्व विख्यात है। महंत राधा मोहन देवाचार्य महाराज ने कहा कि देश में आपतकाल चल रहा है। सभी को अपने सामथर््य अनुसार आगे आकर मानवता की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए। मिलजुल कर ही किसी भी विपत्ति का सामना किया जा सकता है और संत समाज विपत्ति की इस घड़ी में देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। श्रीपंच निमोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज व श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास नगरिया महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित होता है। विद्वान महापुरूष राधा मोहन देवाचार्य महाराज इसे बखूबी साबित कर रहे हैं। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा ने कहा कि स्वामी राधा मोहन देवाचार्य महाराज कुशल नेतृत्व और सरल स्वभाव के संत हैं। जो होनहार वृक्ष के पत्तों के रूप में अपने शिष्यों का प्रतिपादन कर रहे हैं। महामंडलेश्वर स्वामी नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि प्रकृति के विपरीत मनुष्य की प्रवृत्ति ही महामारी का कारण है। प्रभु से प्रार्थना है कि जल्द ही समस्त मानव जाति को इस को रोग कोरोना महामारी से निजात मिले। उन्होंने कहा कि इस समय काल में सभी को धैर्य का परिचय देने की आवश्यकता है। निर्वाणी अखाड़ा के राष्ट्रीय महासचिव गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान होने वाले धार्मिक अनुष्ठान निश्चित तौर पर ही समस्त मानव जाति को लाभ प्रेषित करेंगे। महंत दिनेश दास महाराज ने कहा कि परोपकार को जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों ने सदैव समाज व देश को नई दिशा प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। महंत सनत कुमार दास महाराज अपने गुरूदेव महंत राधा मोहन देवाचार्य की सेवा परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का महंत सनत कुमार दास महाराज ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान श्रीमहंत कृष्ण दास नगरिया, बाबा महंत राम रिक्ष पाल देवाचार्य, बजरंग देवाचार्य, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत मनीष दास, महामंडलेश्वर जनार्दन दास, महंत रामजी दास, महंत रामशरण दास, महंत अर्जुनदास, श्रीमहंत अशोक दास ब्रह्मांड गुरु अनंत महाप्रभु, महंत शत्रुघ्न दास, श्रीमहंत रास बिहारी दास, श्रीमहंत फूलडोल दास, महंत दयाल दास, महंत राम मनोहर दास, मस्तराम बाबा, महंत लक्ष्मण दास, महंत घनश्याम दास, महंत रमेश दास, महंत नरहरिदास, महंत गौरी शंकर दास, महंत रामदास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत राघवेंद्र दास सहित बड़ी संख्या मे संत महंत उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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