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कुंभ मेले में योग के माध्यम से दिया जा रहा है जीवन प्रबंधन का संदेश

 

हरिद्वार। नीलाधारा क्षेत्र के चंडीद्वीप में विकसित मीडिया केंद्र में बनाये गए योग शिविर में कुंभ मेले में योग के माध्यम से जीवन प्रबंधन का संदेश दिया जा रहा है। आज योग स्टूडियो में योग के सुबह के सत्र में विशेषज्ञों द्वारा तनाव प्रबंधन के टिप्स दिए गए। सत्र के दौरान व्यायाम, प्राणायाम और ध्यान  के महत्व के बारे में बताया गया। योग प्राणायाम के साथ, ध्यान और व्ययाम भी व्यक्ति को तनाव से दूर रखने में मदद करते हैं। शिविर में पतंजलि योग पीठ के योग विशेषज्ञ डॉ संजय ने आचार्य बाल कृष्ण के प्रतिनिधि के रूप में योग प्राणायाम का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि हम सब को स्वयं के लिए 24 घंटे में से कम से कम 30 मिनट अवश्य निकालना चाहिए।  दिन में एक बार कम से 30 मिनट योग, व्यायाम ध्यान और प्राणायाम, के जरिये हम ना केवल निरोग रह सकते है बल्कि हम जीवन को भी तनावमुक्त बना सकते है। इसके साथ ही व्यक्ति को स्वयं पर नियंत्रण रखने की शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि भ्रामरी और उदगीत  तनाव से निपटने के लिए प्राणायाम की सबसे अच्छी क्रियाएं है। एक व्यक्ति जो योग का नियमित अभ्यास करता है, उसे तनाव का प्रबंधन नहीं करना पड़ता है क्योंकि उसका जीवन हमेशा तनाव मुक्त रहता है, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। डॉ संजय ने कहा कि योग केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि स्वयं को जानना और उससे जुड़ना भी है। योग यह समझने के लिए भी है कि एक चेतना सभी का पालन करती है। उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक व्यापक परिवर्तन करता लाता है। सरल शब्दों में, योग आध्यात्मिक अनुशासन और सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है। यह हमारे शरीर मन और आत्मा को संतुलित करता है। देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि ने कहा कि निरंतर योग करने से मनुष्य व्यक्तिगत चेतना से लौकिक चेतना की और जाता है और वह लौकिक चेतना से जुड़ जाता है। कुंभ मेला नोडल अधिकारी सूचना मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया भर में योग के संदेश को फैलाने के लिए मीडिया सेंटर में योग स्टूडियो विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में पतंजलि योग पीठ के प्रतिनिधि ने योग प्रशिक्षण दिया। दूसरे चरण में, देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि ने योग प्रशिक्षण दिया।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।