हरिद्वार। भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर पंचपुरी के समस्त ब्राह्मण समाज द्वारा सामूहिक प्रयत्न से तीर्थ नगरी हरिद्वार में पुराना रानीपुर मोड़ पर भगवान परशुराम मार्ग पर चिरंजीवी भगवान परशुराम जी के नाम से निर्मित चैक पर नवसंवत् पूजन जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्तेस्वरानन्द सरस्वती द्वारा किया गया। इस मौके पर वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विश्वमंगल की कामना से वैदिक मंत्रों, मंगल शंख ध्वनि से नवसंवत् का स्वागत किया गया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि सर्वस्पर्शी एवं सर्वग्राह्य भारतीय संस्कृति के दृष्टा मनीषियों और प्राचीन भारतीय खगोल-शास्त्रियों के सूक्ष्म चिन्तन-मनन के आधार पर की गई कालगणना से अपना यह नव-संवत्सर पूर्णतरू वैज्ञानिक एवं प्रकृति-सम्मत होने के साथ ही हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान एवं सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर को पुष्ट करने का पुण्य दिवस भी है। ये भी माना जाता है कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी। विक्रम संवत सबसे अधिक प्रासंगिक, सार्वभौमिक और वैज्ञानिक कैलेंडर है। उन्होंने कहा कि आज यहां स्थापित फरसा को पूजित किया जा रहा है। हमारे आराध्य के प्रतीक चिन्ह स्थापित होने से आने वाली पीढी प्रेरित होती है। उन्होंने सभी ब्राह्मण प्रतिनिधियों को इस कार्य हेतु शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज का हमेशा अग्रणी रहा है वह हमेशा समाज को सही दिशा प्रदान कर सबके कल्याण की सोचता है। अखण्ड परशुराम अखाडा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं.अधीर कौशिक ने कहा कि भगवान परशुराम जन-जन के आराध्य हैं। उनका जीवन आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने बुराईयों का अंत करने में अग्रणी भूमिका निभाई। युवा पीढ़ी को उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए। भारतीय परंपरांओं के अनुसार नववर्ष मनाना चाहिए। पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर सनातन संस्कृति को अपनाएं। युवा पीढ़ी ही देश का मार्गदर्शन करने में अपनी भूमिका निभाए। भागवताचार्य पवनकृष्ण शास्त्री, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष पं.मनोज गौतम, प्रदेश संयोजक पं.बालकृष्ण शास्त्री, विहिप जिलाध्यक्ष पं.नितिन गौतम, प्रदीप वशिष्ठ, संजय शर्मा, विकास तिवारी, अमित शर्मा, प्रशांत शर्मा, समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा, डा.सजय कपूर, राहुल राघव, अश्विनी सैनी, विशाल चोपडा, तेग सिंह सहित हरिद्वार के ब्राह्मण संगठनों के सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
Comments
Post a Comment