हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों कुम्भ पर्व चल रहा है जहाँ साधु संतों के स्नान क्रम ओर अन्य व्यवस्थाओं को लेकर संतो द्वारा बनी संतो की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद पर हाल ही में बने महिलाओं के परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर ने पक्षपात का आरोप लगाया है साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि अगर शासन- प्रशासन जल्द ही परी अखाड़े को जमीन और अन्य सुविधाएं नही देता है तो परी अखाड़े की साध्वियां आत्महत्या को बाध्य होगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर त्रिकाल भवंता ने आज प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की जिसमे उन्होंने सबसे पहले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी पर पक्षपात ओर उपेक्षा के आरोप के साथ ही उनसे अपनी जान का खतरा भी बताया। उन्होंने कहा कि क्योकि वे महिलाओं के परी अखाड़े की आचार्य है और महिलाओं की बात करती ही जिस कारण अखाड़ा परिषद अध्यक्ष उनसे बैर रखते है। उन्होंने बताया कि वे 2019-20 से लगातार परी अखाड़े के लिए शासन प्रशासन से कुम्भ में जमीन और अन्य सुविधाओं की मांग करती रही है जिसके संबंध में उनके पक्ष में हाईकोर्ट के आदेश को उन्होंने मेलाधिकारी दीपक रावत को भी बताया। जिस पर मेलाधिकारी द्वारा कहा गया था कि जब सभी को जमीन और अन्य सुविधाएं दी जाएगी तो उन्हें भी दी जाएंगी। लेकिन अब जब सभी को जमीन और अन्य सुविधाएं दी जा रही है तब भी परी अखाड़े को उपेक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे केंद्र व राज्य सरकार के साथ साथ मेला प्रशासन से आग्रह करती है कि अगर करती है अगर मेला प्रशासन परी अखाड़े को 9 अप्रैल तक जमीन और अन्य सुविधाओं के साथ सुरक्षा मुहैय्या नही कराता हैं तो परी अखाड़े की महिला साध्वियां आत्महत्या को मजबूर होगी जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। उन्होंने मेलाधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनका फोन नंबर ब्लॉक कर रखा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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