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ज्योतिषीय गणना पर ही कुम्भ का आगाज और समापन-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

 

हरिद्वार। ज्योतिष पीठ एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि कुम्भ किसी एक अखाड़े अथवा संस्था की नही बल्कि सबका है। कुम्भ की शुरूआत तिथि विशेष पर हुई है,इसलिए इसका समापन भी विशेष तिथि पर ही होगा। उन्होने कहा कि कुम्भ मेला चैत्र पूर्णिमा तक जारी रहेगा। कुम्भ को लेकर अलग अलग धारण निमूल है। उन्होने मरकज से कुम्भ की तुलना को खारिज करते हुए कहा कि कुम्भ से मरकज की तुलना की जा सकती। हलांकि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का पण्डाल में जारी प्रवचन सार्वजनिक रूप से बंद हो जायेगा,लेकिन सोशल मीडिया से माध्यम से उनका प्रवचन जारी रहेगा।  स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शुक्रवार को यहां नीलधारा टापू स्थित शंकराचार्य शिविर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण कुम्भ मेला का आयोजन एक महीने के लिए हुआ है,इसकी शुरूआत भी कालगणना के आधार पर हुई है,ऐसे में किसी एक अखाड़ा अथवा संस्था के कुम्भ मेला समाप्त करने का अधिकार कहा से मिल जाता है। यह किसी संस्था की ओर से आयोजित नही,बल्कि सनातन धर्म का सबसे बड़ा स्नान पर्व है। ऐसे में कुम्भ मेला चैत्र पूर्णिमा तक जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हलांकि बढ़ते कोरोना के कारण कोविड गाइड लाइन का पालन भी सख्ती से किया जायेगा। उन्होने मेला प्रशासन द्वारा कोरोना से बचाव को लेकर किये गये इंतजामातों को नाकाफी बताया। कुम्भ का आयोजन काल गणना के आधार पर होता है। इसलिए कुम्भ मेला 27अप्रैल चेत्र पूर्णिमा तक जारी रहेगा। शिविर में जारी शतचण्डी महायज्ञ जारी रहेगा,साथ ही यज्ञ में ब्राहणों की संख्या कोविड के नियमों का पालन करते हुए रखा जायेगा। उन्होने दोहराया कि कुम्भ 12वर्षो बाद आयोजित होता है,इस बार कोरोना महामारी के कारण इसकी अवधि जरूर कम हुई है,लेकिन किसी व्यक्ति अथवा संस्था के हिसाब से इसकी अवधि घटाई या बढ़ाई नही जा सकती। अनावश्यक रूप से कुंभ पर्व को बयानबाजी किया जाना तर्कसंगत नहीं है। आदि अनादि काल से शास्त्रों के अनुसार ही कुंभ मेला आयोजित होता है। कुंभ की दिव्यता व भव्यता को लेकर संत महापुरूष अपना योगदान दे रहे हैं। सनातन संस्कृति का जितना भी अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कुंभ पर्व के अवसर पर किया जाना चाहिए। जिसका लाभ अवश्य ही श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।