हरिद्वार। मनोज खन्ना- वैश्विक महामारी के बीच कुम्भ मेला 2021 के प्रथम शाही स्नान पर पुलिस प्रशासन के दावों के उलट स्थिति दिखाई दी। सड़को पर श्रद्वालुओं की भीड़ नही होने के कारण शहर में कई स्थानों पर पुलिस द्वारा लोगों को हर की पैड़ी की ओर जाने से रोका गया। पुलिस की इस व्यवस्था से शहर के लोग अपने अपने घरों में कैद होने को मजबूर रहे। संतो के लिए सारी सुविधाओं के साथ व्यवस्था बनाने में जुटी मेला पुलिस द्वारा भले ही ब्रीफिंग के दौरान आम लोगों के साथ बेहतर व्यवहार करने की बात कही गयी हो,लेकिन धरातल पर हालात विपरीत ही रहे। मीडियाकर्मियों के लिए जारी पास को भी कई स्थानों पर नही माना गया,। ऐसा नही था कि कुम्भ के प्रथम शाही स्नान पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी हो,स्थानीय जानकारो की माने तो पिछले 11मार्च के स्नान पर्व पर जुटी भीड़़़ की अनुपात में इस बार श्रद्वालुओं की संख्या काफी कम रही। इसकी वजह कोरोना के साथ साथ कोविड गाउइ लाइन के पालन कराने की बदिशें को माना जा रहा है। सोमवार को प्रथम शाही स्नान पर शहर की सड़को पर कही भी ज्यादा भीड़ नजर नही आयी,वाबजूद पुलिस द्वारा मुख्य सड़क पर कई स्थानों पर बैरीकंटिग लगाकर शहर की ओर आने वालों को रोककर वापस भेजा गया। कई स्थानों पर मीडिया कर्मियों को भी वापस भेजा गया। दिनभर सड़को पर पैदल चलने को श्रद्वालुओं के साथ साथ स्थानीय लोग भी परेशान रहे। यहा तक ललतौरो पुल के निकट जिला अस्पताल जाने के लिए भी कई बार लोगों परेशान होना पड़ा,क्योंकि बाल्मीकि चैक के निकट बैरीकंेैट लगाकर पुलिस हर की पैड़ी की तरफ जाने वालों को वापस कर रहे थे,वहा तैनात पुलिसकर्मी जाने की मिन्नतें करने वालों से पास की मांग कर रहे थे,पास नही होने के कारण अधिकतर लोगों को वापस जना पडा।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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