हरिद्वार। बैरागी अखाड़ों की पेशवाई मंगलवार को भूपतवाला से पूरे पारम्परिक तौर तरीके से निकलेगी। इस दौरान लोगों को हजारों की संख्या में पेशवाई में मौजूद संतों के दर्शन होंगे। बैरागी अखाड़ा के महंतो ने कहा है कि अभी तक की सबसे अधिक संतों वाली पेशवाई बैरागी अखाड़ों की ही होगी। देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे 1100 खालसों के संत इसमें शामिल होंगे। उधर प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पेशवाई मार्ग से सोमवार को ही अतिक्रमण हटाया गया। पेशवाई पर श्रीरामानंदीय बैष्णव मण्डल की ओर से कई जगह हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी होगी। श्री रामानंदीय बैष्णव मण्डल के अध्यक्ष एवं उछाली आश्रम परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास ने बताया कि मंगलवार को श्री दिगम्बर अणि अखाड़ा, श्री निर्वाणी अणि अखाड़ा और श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े की पेशवाई एक साथ भूपतवाला के माता वैष्णव देवी शक्ति पीठ आश्रम से बैरागी कैंप के लिए दोपहर 3 बजे निकलेगी। शाही पेशवाई भूतपवाला, सूखी नदी, खड़खड़ी, भीमगोड़ा, हरकी पैड़ी, अपर रोड, ललतारौ पुल, वाल्मीकि चैक, शिवमूर्ति होते हुए तुलसी चैक पहुंचेगी। यहां से शंकराचार्य चैक से होते हुए सीधा बैरागी में प्रवेश करेगी। पेशवाई के स्वागत की तैयारियां भी लोगों ने पूरी कर ली हैं। जबकि प्रशासन दोपहर बाद तक अपनी तैयारियां करता हुआ दिखाई दिया। पेशवाई मार्ग पर हुए जगह जगह अतिक्रमण को हटाया गया। बैरागी अखाड़ों की पेशवाई में भले ही ढोल, बैंडबाजे कम नजर आये, लेकिन संतों की संख्या अच्छी खासी नजर आने वाली है। क्योकि 1100 खालसे के हजारों संत हरिद्वार आ गए हैं। जो पेशवाई में मंगलवार को दिखाई देंगे। माता वैष्णव देवी शक्ति पीठ आश्रम के महंत दुर्गादास ने बताया कि तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पेशवाई 3 बजे से शुरू होकर रात को बैरागी कैंप पहुंचेगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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