हरिद्वार। मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर होने वाला हरिद्वार कुंभ का अंतिम शाही स्नान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से तय क्रम के अनुसार ही होगा। यानी पूर्व के दो शाही स्नानों की तरह निरंजनी अखाड़े का क्रम पहला होगा और निर्मल अखाड़े का अंतिम। दूसरी ओर, महानिर्वाणी अखाड़े को छोड़ बाकी छह संन्यासी अखाड़ों ने कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी थी। इससे नाराज बैरागी अखाड़ों ने मेला अधिष्ठान से मांग की थी कि इन्हें शाही स्नान का हिस्सा न बनाकर दोबारा से स्नान क्रम निर्धारित किया जाए। जबकि, मेला अधिष्ठान का कहना है कि अखाड़ों के स्नान का क्रम अखाड़ा परिषद तय करती है। इसलिए चैत्र पूर्णिमा का स्नान पूर्व निर्धारित क्रम से ही होगा। मेला आइजी संजय गुंज्याल ने बताया कि संन्यासी अखाड़ों को छोड़ अन्य सभी अखाड़ों से अंतिम शाही स्नान की तैयारी और क्रम को लेकर वार्ता हो चुकी है। रविवार को संन्यासी अखाड़ों से भी बात हो जाएगी। कुंभ समाप्ति की घोषणा कर चुके छह संन्यासी अखाड़े प्रतीकात्मक स्नान करेंगे। अखाड़ों के अनुसार शाही स्नान करने वाले उनके संतों की कुल संख्या 200 से कम रहेगी। इसी तरह बैरागी, उदासीन और निर्मल अखाड़े ने भी अपने संतों की संख्या घटा दी है। आइजी ने बताया कि अखाड़ों के शाही स्नान का क्रम पूर्ववत रहेगा, जो कि अखाड़ा परिषद की ओर से तय किया गया था। इसमें फेरबदल की कोई गुंजाइश नहीं है। उधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के आइसोलेशन में रहने के कारण अखाड़ा परिषद की कोई बैठक शनिवार को नहीं हो सकी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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