हरिद्वार। उत्तराखंड सिविल कार्यकारी सेवा शाखा संघ का वार्षिक महाधिवेशन सोमवार को मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में आयोजित किया गया। जिसमें वर्चुअल और भौतिक दोनों तरह से प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में पुरानी कार्य कारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें निम्न नामों पर सहमति व्यक्त की गई, जिसमें अध्यक्ष पद पर ललित मोहन रयाल, महासचिव पद पर हरक सिंह रावत, उपाध्यक्ष पद पर डाॅ0 ललित नारायण मिश्र और कुश्म चैहान, सचिव पद पर मनीष कुमार सिंह और दयानंद सरस्वती, संयुक्त सचिव पद पर योगेश मेहरा और श्रीमती ऋचा सिंह के नाम पर सहमति बनी। कोषाध्यक्ष पद पर श्री प्रत्युष सिंह के नाम पर सहमति व्यक्त की गई। संप्रेक्षक पद पर गौरव पांडेय और विधि परामर्शी के रूप में नरेश दुर्गा पाल और कौस्तुभ मिश्र के नाम पर सहमति बनी। सांस्कृतिक और आईटी सचिव के रूप में हिमांशु कफल्टिया के नाम पर सहमति बनी। बैठक में कई एजेंडे पर चर्चा हुई, जिसमें मुख्य रूप से पीसीएस संवर्ग में गैर पीसीएस की नियुक्ति का प्रबल विरोध किया गया। पीसीएस संवर्ग के सभी पदों पर पीसीएस संवर्ग की ही तैनाती शीध्र की जाए, इसकी मांग की गई। विभागाध्यक्ष जैसे पदों पर सचिवालय सेवा संवर्ग व अन्य कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति पर गहरा रोष व्यक्त किया गया। कई वर्षों से कैडर के पुनर्गठन न किए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की गई। बैठक में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पीसीएस अधिकारियों को निश्चित समयावधि पर निर्धारित वेतनमान दिए जाने की मांग की गई। संघ की बैठक में वित्त सेवा के अधिकारियों को पीसीएस संवर्ग के अधिकारियों से पूर्व उच्चतर वेतनमान दे दिए जाने का प्रबल विरोध किया गया और साथ ही पीसीएस अधिकारियों को शीध्र ही तदननुरूप वेतन देने की मांग की गई। जिलों में पीसीएस अधिकारियों को नए वाहन उपलब्ध कराने की मांग की गई, जिससे राजकीय कार्य को सुगमतापूर्वक किया जा सके। जिला प्रशासन में तैनात संवर्ग के अधिकारियों को सुरक्षा कर्मी दिए जाने की भी मांग की गई। पुराने भत्ते जो 80 के दशक से रिवाइज नहीं किए गए हैं, उन्हें पुनरीक्षित करने की मांग की गई। 2005 के बाद पीसीएस संवर्ग में नियुक्त अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग की गई। हल्द्वानी और देहरादून में पीसीएस अधिकारियों के लिए पूल्ड आवास की मांग संघ द्वारा प्रबलता से उठाई गई। संघ की बैठक में इस बात पर प्रबल रोष था कि राज्य की सर्वोच्च सेवा होने के बाद भी इसे उपेक्षित रखा जा रहा है। बैठक में वंशीधर तिवारी, आलोक पांडेय, हरक सिंह रावत, हंसादत्त पांडे, विनोद गिरि गोस्वामी, डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह, रामजी शरण शर्मा, केके मिश्र, अवधेश कुमार सिंह, जयभारत सिंह, मोहम्मद नासिर, जगदीश लाल, किशन सिंह नेगी, मनीष कुमार सिंह, प्रत्युष कुमार सिंह, अब्ज प्रसाद वाजपेयी, अनिल कुमार शुक्ला, गोपाल सिंह चैहान, दयानंद सरस्वती, योगेश सिंह मेहरा आदि पीसीएस अधिकारी सभी जिलों से मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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