हरिद्वार। तीर्थनगरी में भगवान राम का जन्मोत्सव पूरे धार्मिक श्रद्वा,उत्साह के साथ मनाया गया। कोविड के कारण किसी बड़े धार्मिक आयोजन के बजाए लोगों ने घर-घर में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के प्रकटोत्सव को अपने अपने ढंग से मनाया। इन दिनों कुम्भ मेला 2021 का दौर जारी रहने के कारण रामनवमी के अवसर पर बैरागी अखाड़ों सहित विभिन्न पण्डालों में भगवान राम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान कई आश्रमों,पण्डालो तथा बैरागी अखाड़ों में विशेष धार्मिक आयोजन कर उत्साह के साथ भगवान राम की पूजा अर्चना की गई। कोरोना महामारी के बीच शक्ति की आराधना का पर्व नवमी श्रद्धा के साथ मनाई गई। इसी के साथ ही नवरात्र का समापन भी हो गया। रामनवमी पर घर-घर देवी के रूप में कन्याओं को पूजा गया। लेकिन कोरोना के कारण पूजन के लिए कन्याओं को तलाशने में दिक्कतें भी आईं। लोगों ने कन्याओं को उपहार वितरित किए। देवी मंदिरों में दिन भर पूजा अर्चना होती रही। नवरात्र संपन्न होने पर लोगों ने घरों में प्रसाद के रूप में हलवा-पूरी बनाया। लोगों को कन्याएं तलाशने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके लिए लोग इधर-उधर दौड़ते नजर आए। शाम के समय मंदिरों में देवी मां की विशेष आरती हुई। मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित ही नजर आई। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से मां सिद्धिदात्रि की पूजा के बाद कन्यापूजन व भोज कराकर व्रत खोला। अन्य दिनों की अपेक्षा रामनवमी के दिन भी मंदिरों में स्थानीय लोगों की भीड़ दिखी। लोगों ने घरों में कन्याओं को भोजन कराने के बाद स्वेच्छा से कन्याओं को पैसे, कपड़े व श्रृंगार की सामग्री वितरित की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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