हरिद्वार। कुंभ का अंतिम शाही स्नान मंगलवार को होगा। अखाड़े प्रतीकात्मक ही स्नान करेंगे। हरकी पैड़ी पर यात्रियों का स्नान सुबह 9ः30 बजे प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। भीड़ कम होने के कारण किसी भी तरह का कोई ट्रैफिक प्लान लागू नहीं किया जाएगा। हरिद्वार में कुंभ मेले में 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर होने वाले चैथे और अंतिम शाही स्नान को लेकर लेकर मेला और पुलिस प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है। हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड में 9ः30 बजे शाही स्नान शुरू हो जाएगा। पहले संन्यासी अखाड़े के निरंजनी, जूना और महानिर्वाणी प्रतीकात्मक स्नान करेंगे। इसके बाद बैरागी अखाड़े शाही स्नान करेंगे। बैरागी अखाड़ों के संतों की संख्या सबसे अधिक रहने वाली है। एक अखाड़े को 100 वाहनों लेकर आने की अनुमति होगी। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना की गाइडलाइन का पूरा पालन भी करना होगा। हाईवे के रास्ते ही वाहनों को सीसीआर टॉवर के पास खड़ा किया जाएगा और पुल नंबर चार से हरकी पैड़ी में लाया जाएगा और पुल नंबर एक से वापसी होगी। पुलिस महानिरीक्षक मेला संजय गुंज्याल ने बताया कि भीड़ कम होने के कारण ट्रैफिक प्लान लागू नहीं किया जा रहा है। तैयारियां पूरी है। शहर के हाईवे को कुछ देर के लिए रोका जाएगा। चैत्र पूर्णिमा के अंतिम शाही स्नान को लेकर आईजी मेला संजय गुंज्याल ने व्यवस्थाओं को लेकर राजपत्रित अधिकारियों की ऑनलाइन ब्रीफिंग की गई। आईजी ने बताया कि सभी अखाड़ों के शाही जुलूस में गृहस्थों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा। संतों ने आश्वासन भी मेला प्रशासन को किया है। सोमवार को ऑनलाइन ब्रीफिंग के दौरान आईजी मेला संजय गुंज्याल ने सभी अखाडों के पदाधिकारियों से हुई वार्ता के प्रमुख बिंदुओं के बारे पुलिसकर्मियों को बताया। उन्होंने बताया कि अखाड़ों के द्वारा अपने शाही स्नान के दौरान 50 से 100 साधु-संतों को ही सम्मिलित किया जाएगा। वाहनों की संख्या भी बेहद सीमित रहेगी। इसके अलावा सभी अखाड़ों के द्वारा अपने शाही जुलूस में गृहस्थों को शामिल नहीं किये जाने का आश्वासन भी दिया गया है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेसन और कोविड-19 की गाइड लाइन का पूरा पालन कराया जाएगा।
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