हरिद्वार। बैरागी क्षेत्र में अव्यवस्थाओं से नाराज बैरागी संतो ने अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए पिटाई कर दी है, बीच-बचाव करने आए पुलिसकर्मियों को भी गुस्सेए संतों ने नहीं छोड़ा, हरवीर सिंह निर्मोही अखाड़े में संतो के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे तभी कुछ संत भड़क गए और मारपीट शुरू कर दी, हरवीर सिंह के चोटे भी आई हैं फिलहाल मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और मेला आईजी संजय गुंज्याल मौके पर पहुंच गए हैं। अपर मेलाधिकारी के साथ बदतमीजी किये जाने पर अखाड़ा परिषद के संतो ने नाराजगी जाहिर करते हुए चिन्ता जाहिर की है साथ ही एक समिति के गठन का निर्णय भी लिया है। कुम्भ मेला प्रारम्भ होने के पहले दिन बैरागी अखाड़ों के संतो ने अपर मेलाधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए बदतमीजी कर दी जबकि मेला प्रारम्भ होने के बाद मेला अधिष्ठान पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। बताया जाता है कि अपर मेलाधिकारी मेला की तैयारियाॅ के मामले में बैरागी कैम्प क्षेत्र गये जहां पर निमोही अखाड़ा के संतो ने पहले तो नाराजगी जतायी और बातों बातों में अपर मेलाधिकारी के साथ मारपीट पर उतर आये। अपर मेलाधिकारी के साथ मारपीट के दौरान उनके बचाव के आये अपर मेलाधिकारी के गनर के साथ भी मारपीट कर दी। सूचना मिलते ही मेला आइजी संजय गुज्याल मौके पर पहुचे और स्थिति का आकलन करते हुए अपर मेलाधिकारी को लेकर रवाना हो गये। बताया जाता है कि बैरागी अखाड़ो के संत आधी अधूरी तैयारियों को लेकर नाराज चल रहे थे,शुक्रवार को तीनों बैरागी अखाड़ो की धर्म ध्वजा स्थापित होनी है,लेकिन तैयारियाॅ नही होने से इन अखाड़ों के संतों में नाराजगी है। वही दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि मेला प्रशासन द्वारा अन्य दस अखाड़ो को जमीन आवंटित किये जाने की सूचना के बाद से इन बैरागी अखाडो के संत नाराज हो गये है।़
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment