हरिद्वार। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने सभी देशवासियों को नवरात्र एवं हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कहा है कि आज के दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। हिंदू नव वर्ष के प्रारंभ से वातावरण में एक नया उल्लास होता है। जो मन को आह्लादित करता है। जीवो में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि परम पुरुष अपनी प्रकृति से मिलने जब आता है तो सदैव चैत्र में ही आता है। इसलिए सारी सृष्टि सबसे अधिक चैत्र में ही महक रही होती है। वैष्णव दर्शन में चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है। चैत्र का आध्यात्मिक स्वरूप इतना उन्नत है कि इसने बैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा महाराज ने कहा कि संसार व्यापी निर्मलता और कोमलता के बीच हमारा नया साल प्रकट होता है। विक्रम संवतसर का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं बल्कि हमारे साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है। उन्होंने कहा कि प्रथम नवरात्र पर मां शैलपुत्री सभी को अपने आशीर्वाद से लाभान्वित कर यश वैभव प्रदान करती हैं। उत्तराखंड की पावन देवभूमि और कुंभ एवं चैत्र नवरात्र का समावेश एक अद्भुत चमत्कार से कम नहीं है। सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही इन सभी उत्सव में शामिल होकर संतों का सानिध्य प्राप्त होता है। अखिल भारतीय श्री रामानंदी खाकी अखाड़े के महंत मोहन दास महाराज ने कहा कि चैत्र मास का प्रारंभ सभी के जीवन में खुशहाली लाता है। जिसके महत्व की विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। शक्ति और भक्ति की पराकाष्ठा पवित्र नवरात्र संपूर्ण सृष्टि को धार्मिक उर्जा से सराबोर करते है।ं इस दौरान महंत रासबिहारी दास काठियाबाबा, महंत फूलडोल दास, महंत रामजी दास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत गौरी शंकर दास, महंत अनिरुद्ध दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत रामशरण दास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत प्रेमदास, महंत लाल दास, महंत अगस्त दास, महंत मोहन दास, महंत विष्णु दास, बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास, महंत रामदास, महंत पवनदास, महंत सनत कुमार दास मंहत महेश दास मंहत नरेन्द्र दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment