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हर की पैड़ी पर गंगा स्नान दिनभर श्रद्वालुओं के लिए रहा बंद

 हरिद्वार। कमल मिश्र- कुंभ के दूसरा सोमवती का शाही स्नान हरकी पौड़ी पर सुबह सात बजे के बाद आम श्रद्धालु स्नान नहीं कर पाए। ऐसे में दूर से सफर तय कर हरिद्वार पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्थानीय घाटों पर ही डुबकी लगाई। तमाम लोग हरकी पौड़ी जाने से वंचित होकर लौट गए। सोमवार को हरकी पौड़ी पर सुबह सात बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए गंगा स्नान की छूट थी। इसके बाद अखाड़ों के लिए हरकी पौड़ी ब्रह्मकुंड आरक्षित था। ऐसे में ट्रेन और बस व निजी वाहनों से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों से अधिकांश श्रद्धालु सात बजे के बाद हरिद्वार पहुंच पाए। जिसके बाद निजी वाहनों से पहुंचे श्रद्धालुओं को पार्किंग धीरवाली समेत संबंधित पार्किंग में भेज दिया गया। जहां से पैदल पहुंचे यात्रियों को शंकराचार्य चैक, ऋषिकुल, देवपुरा आदि स्थानों पर रोक दिया गया। ऐसे में हरकी पौड़ी और उससे सटे गंगा घाटों तक भी यात्री नहीं पहुंच पाए। जिसके बाद लोगों ने आसपास के घाटों पर ही गंगनहर में डुबकी लगाई। मायापुर स्थित अमरापुरा घाट, ओमपुल के समीप, ऋषिकुल, गोविंदपुरी घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, सिंहद्वार के साथ ही जटवाड़ा पुल के आसपास बने घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। वैश्विक महामारी के बीच कुम्भ मेला 2021 के प्रथम शाही स्नान के दौरान दिनभर श्रद्वालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर डुबकी लगाई,सिबाय हर की पैड़ी गंगा घाट के ।

चूंकि मेला प्रशासन की ओर से अखाड़ोे के स्नान के कारण आम श्रद्वालुओं के लिए सुबह सात बजे से सायं 6बजे तक आम श्रद्वालुओं के लिए हर की पैड़ी का गंगा घाट बंद रहा। आध्यात्मिक वातावरण के बीच संन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़ों की राजसी शान-शाही वैभव सनातन धर्म संस्कृति की पराकाष्ठा को दर्शा रहा था। पूरी दुनिया को भारतीय धर्म संस्कृति, आस्था और अनेककता में एकता, विश्व बंधुत्व, वसुधैव कुंटुम्बकम् का संदेश दे रहा था। इन सबके बीच आकर्षण का केंद्र नागा संन्यासियों की बड़ी जमात ने अपने-अपने अखाड़ों श्रीपंचयाती निरंजनी अखाड़ा और महानिर्वाणी अखाड़ों के साथ हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंच पूरे विधि-विधान और गंगा पूजन के साथ हर-हर महादेव, बम-बम भोले और हर-हर गंगे के जयकारों के बीच गंगा स्नान किया। सुबह करीब पौने दस बजे आरंभ हुआ शाही स्नान का क्रम शाम करीब साढ़े पांच बजे तक चलता रहा। उधर, इस दौरान आम श्रद्धालुओं ने दिनभर अन्य गंगा घाटों सुभाष घाट, नाई सोता घाट, सर्वानंद घाट, बरला घाट, लव-कुश घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, अमरापुर घाट, दक्षमंदिर घाट, सती घाट, नीलधारा घाट, नमामि गंगे घाट सहित समेत सभी गंगा घाटों आस्था की डुबकियां लगा, भगवान भास्कर को अर्घ्य दे और दान-धर्म कर सोमवती अमावस्या का पुण्य अर्जित करते रहे। श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन कर घर-परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। 


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