हरिद्वार। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा है कि 27 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान में तीनों वैष्णव अखाड़ों के साथ श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन, श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन और श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संत भी शामिल होंगे। बैरागी कैंप स्थित निर्मोही अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन और कोरोना नियमों का पालन करते हुए ही वैष्णव संत कुंभ मेले का स्नान परंपरागत रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दौरान ग्रह नक्षत्र और परंपराओं के साथ ही देवताओं को स्थापित और विसर्जित किया जाता है। असमय कुंभ का विसर्जन परंपराओं के विरुद्ध है। कुंभ समाप्ति की घोषणा करने वाले संत परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर समाज में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। जोकि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिसे कुंभ मेला करना है वह करे और जिसे जाना है वह जाए। मात्र सुर्खियों में रहने के लिए गलत बयानबाजी करना न्याय संगत नहीं है। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृहमंत्री की अपील के बाद सीमित संख्या में ही वैरागी संत स्नान के लिए रवाना होंगे। उन्होंने कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालु भक्तों से अपील करते हुए कहा कि बढ़ते कोरोनावायरस देखते हुए हरिद्वार कुंभ मेले में नहीं आए और घर बैठे ही कुंभ दर्शन का लाभ लें। उन्होंने वैष्णव संतो से भी अपील करते हुए कहा कि कम से कम संख्या में कुंभ मेले में निवास करें। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि धर्म आस्था और परंपरा के साथ-साथ व्यक्ति को अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा करना भी परम कर्तव्य है। इसलिए सतर्कता ही बचाव है कोरोना नियमों का पालन सभी को अवश्य करना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखना चाहिए। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बधाई देते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में भी कुंभ का आयोजन कराना राज्य सरकार का साहसिक निर्णय है। मेला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ खास तौर पर आईजी संजय गुंज्याल आशीर्वाद और बधाई के पात्र हैं। जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए तीन शाही स्नान सकुशल संपन्न कराएं। जोकि ऐतिहासिक है। मां गंगा की कृपा से संपूर्ण कुंभ मेला निर्विघ्न संपन्न होगा। श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगतराम महाराज ने कहा कि तीनों बैरागी अनी अखाड़ों के श्रीमहंत हमारे भाई हैं। 27 अप्रैल का स्नान हम सब साथ मिलकर करेंगे। यदि सन्यासी अखाड़े भी साथ में स्नान करें तो हमे कोई एतराज नहीं है। निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि कुंभ तीस अप्रैल तक चलेगा। 27 अप्रैल का शाही स्नान सब साथ मिलकर करेंगे। ऐसे में कुछ अखाड़ों का यह कहना कि कुंभ संपन्न हो गया है, उचित नहीं है। कुंभ की व्यवस्थाएं कराने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बधाई के पात्र हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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