हरिद्वार। करोड़ो रूपये के छात्रवृत्ति घोटाला के मामले में एसआईटी ने सहारनपुर स्थित एक आईटीआई कॉलेज के चेयरमैन को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि चेयरमैन ने बच्चों के खातों से 4.50 लाख रुपये अपने खातों में रकम ट्रांसफर की थी। जबकि छात्रों को खातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ज्ञात रहे कि छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद एसआईटी की ओर से सिडकुल थाने में रामजीलाल प्राइवेट इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बिलासपुर देवबंद सहारनपुर के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। आरोप था कि वर्ष 2014-15 के बीच कॉलेज को 4. 50 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हरिद्वार समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी की गई थी। एसआईटी के सदस्य इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह खोलिया को मामले की जांच दी गई। जांच करते हुए सामने आया कि छात्रों से दस्तावेज लेकर उनके दाखिले करने के साथ ही बैंक में खाते खुलवाए गए थे। जबकि छात्रों को इन खातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। घोटाले की जांच कर रही एसआईटी पड़ताल में सामने आया कि हरिद्वार के जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से संस्थान को करीब 4.5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। जांच में अधिकांश छात्र फर्जी पाए गए खातों की डिटेल खंगाली गई तो सामने आया कि छात्रों के खातों से रकम विजय शंकर शर्मा पुत्र रतिराम शर्मा निवासी शास्त्री नगर सदर सहारनपुर के बैंक खातों में गई है। खातों में विजय शंकर शर्मा का मोबाइल नंबर भी अपडेट था। जांच के बाद पुलिस ने विजय शंकर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। विजय रामजीलाल प्राइवेट आईटीआई के चेयरमैन हैं। आरोपी ने एसआईटी के सामने अपना जुर्म स्वीकार किया है। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपी को जेल भेजा जा रहा है। । एसआइटी की एक टीम ने इंस्टीटयूट संचालक विजय शंकर शर्मा निवासी शास्त्री नगर, सहारनपुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment