हरिद्वार। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री चर्तु संप्रदाय में धर्म ध्वजारोहण किया गया। जिसमें तीनों वैष्णव अनी अखाड़ों के श्रीमहंतों ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर धूमधाम के साथ धर्म ध्वजा फहराई। इस दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रासबिहारी काठियाबाबा महाराज ने कहा कि हनुमान जी महाराज वैष्णव संतो के इष्ट देव हैं। जिनकी ध्वजारोहण के साथ ही वैष्णव संतों का कुंभ मेला प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु भक्त कुंभ की दिव्यता एवं भव्यता के साथ-साथ संतो के अलौकिक दर्शन के लिए कुंभ मेले का इंतजार करते हैं। भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करते है।ं पतित पावनी मां गंगा की कृपा से कुंभ मेला सकुशल संपन्न होगा। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज एवं अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि वैष्णव संतो की गौरवशाली परंपराएं पूरे विश्व में विख्यात हैं। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का शिखर पर्व है, जो संपूर्ण जगत में धर्म का उजियारा करता है। महामंडलेश्वर स्वामी सांवरिया बाबा ने कहा कि कुंभ पर्व सनातन धर्म के महत्व को दर्शाता है। जिससे पूरे विश्व में भारत का एक अलग स्थान है। प्रत्येक कुंभ में मानव सेवा के प्रकल्प उसे समाज को समरसता का संदेश देने का कार्य वैष्णव संत करते चले आ रहे हैं। इस दौरान श्रीमहंत कृष्ण दास नगरिया महाराज, श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास, श्रीमहंत दिनेश दास, महंत ईश्वरदास, महंत सनत कुमार दास, जनार्दन बाबा, महंत रामदास, महंत गोपाल दास, महंत शंकर दास, महंत राधिका दास, महंत राधे बाबा, महंत कल्याण दास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत राम किशोर दास शास्त्री, महंत रामजी दास, महंत रामशरण दास, महंत सुखदेव दास, हंस पीठाधीश्वर महंत रामचरण दास, महंत महेश दास, महंत नरेंद्र दास सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment