हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा है कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। देशभर में स्थिति चिन्ताजनक होती जा रही है। हरिद्वार में कुम्भ मेला चल रहा है। ऐसे में जूना अखाड़ा के तमाम साधु संत कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए शाही स्नान में शामिल होंगे। उन्होने सभी साधु संतो से कोविड गाइड लाइन का पालन करने का आहवान करते हुए कहा कि सभी मिलकर इस महामारी से लड़ने में सहयोग करे। उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार से कहा है कि कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ती रफ्तार को देखते हुए अभी से जरूरी कदम उठाये, ताकि संक्रमण के कारण व्यापारियों, मजदूर वर्ग को दिक्कतांे का सामना ना करना पड़े़। कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर चिन्ता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले में श्रद्वालुओं की भीड़ के दृष्टिगत कोरोना के फैलने का ज्यादा खतरा है। लेकिन जूना अखाड़ा के सैकड़ों साधु नियमित रूप से लगातार यज्ञ, हवन कर देवी-देवताओं का आहवान कर रहे है ,ताकि संक्रमण की रफ्रतार धीमी हो सके। कोरोना को देखते हुए अखाड़ो द्वारा शाही स्नान के दौरान कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया जायेगा। श्रीमहंत हरिगिरि ने संक्रमण की तेज लहर को देखते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार से कोरोना की रोकथाम को लेकर अभी से व्यापक कार्ययोजना बनाते हुए धरातल पर ठोस कार्यवाही का आहवान किया है। उन्होने कहा कि विश्वव्यापी महामारी के कारण पहले ही व्यापारियों, मजदूर वर्ग के साथ सभी लोग काफी प्रभावित हुए हैं। लोग इससे उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से सभी के लिए तनाव की स्थिति बना दी है। ऐसी स्थिति में पलायन की संभावना भी तेजी से बढ़ने की संभावना है। इसलिए ऐसी स्थिति बनने से पहले ही सरकार ठोस नीति बनाये, ताकि सभी संक्रमण का सामना मजबूती से कर सके। उन्होने लोगों से भी कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए सहयोग करने की अपील की है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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