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कुम्भ का विसर्जन करने वाले अखाड़ो को अगले कुम्भ में स्नान का अधिकार नही-स्वामी शिवानंद

 हरिद्वार। गंगा की अविरलता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए पिछले कई वर्षो से संघर्षरत मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा है कि जिन अखाड़ों और संतों ने समय से पहले कुंभ को समेट लिया है, उन्हें अगले कुंभ में अब स्नान करने का अधिकार नहीं रहा। उन्होने शासन प्रशासन के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब जनपद में प्रवेश करने वाले सभी यात्री टेस्ट रिपोर्ट लेकर हरिद्वार आए तो फिर हरिद्वार में कोरोना कैसे फैल गया। कुंभ के दौरान वीआईपी शहर में घूमते रहे। उनकी रिपोर्ट किसने जांची। सोमवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ लोग धर्मशास्त्र को अपने अनुसार चला रहे हैं। जिसके परिणाम के लिए भी उन्हें तैयार रहना होगा। रेवड़ियों की तरह महामंडलेश्वर बनाए जा रहे हैं। धर्म का किसी को कोई ज्ञान नहीं है। रुपये लेकर अखाड़े कुंभ कर रहे हैं। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि कुंभ 15 मई तक चलना है, लेकिन कुंभ के संकल्प को बीच में ही रोककर गलत काम किया जा रहा है। इसका परिणाम ज्ञानियों को धर्मग्रंथों में देखना चाहिए। ज्योतिष गणना पर ही कुंभ आयोजित होता है। इसके आयोजन में मनमर्जी नहीं चलती है। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कोरोना के दौरान ही अखाड़ों ने बड़ी बड़ी पेशवाई निकाली। तब उन्हें कोरोना नहीं दिखा। न सेनेटाइजेशन था न दो गज की दूरी। उस दौरान केवल सबसे पहले गंगा स्नान करने को सभी लालायित थे। कोरोना बढ़ा तो अखाड़े खाली होने शुरू हो गए। अखाड़ों को चाहिए था कि सभी को जांच कराने के बाद हरिद्वार से बाहर भेजते। कुंभ के दौरान कोरोना से बचाव को लेकर यात्रियों के लिए कहीं कोई व्यवस्थाएं नहीं थीं।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

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