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भागवत कथा श्रवण से हमेशा सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है

 हरिद्वार। श्री अमरनाथ बर्फानी सेवा समिति अलवर के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठवे दिन कथा व्यास अवकाश प्राप्त आईएएस पंडित रामपाल शर्मा शास्त्री ने श्रद्वालुओं को दौपद्री चीर हरण,गोर्वधन पूजा,इन्द्रभान मर्दन,कंस उद्वार,महारास तथा कृष्ण रूक्मणी विवाह प्रसंग का विस्तार से वर्णन करते हुए श्रद्वालुओं को आत्ममुग्ध कर दिया। प्रेम नगर आश्रम स्थित सभागार में आयोजित कथा सप्ताह में भगवान कृष्ण के अलग अलग स्वरूपों की कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान प्रेम के भूखे होते है। प्रेम से पुकारने पर वह भक्त की अवश्य कामना पूर्ण करते है। कथा व्यास ने कहा कि इन्द्रभान मर्दन के जरिये भगवान कृष्ण ने सिखाया है कि कभी भी व्यक्ति को कभी भी अभिमान नही करना चाहिए। अभिमान व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसी अभिमान के कारण कंस का अन्त हुआ। उन्होने कहा कि वास्तव में भगवान ने कंस का वध कर उसका उद्वार ही किया है। भगवान हमेशा भक्त वत्सल होते है,जो मनुष्य के कल्याण का मार्ग दिखाते है। उन्होने जीवन के लिए प्रकृति की पूजा को आवश्यक मानते हुए उन्होने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा एवं पूजा की सार्थकता के बार में श्रद्वालु श्रोताओं को बताया। कथा आरंम्भ होने से पूर्व संस्था के संरक्षक कुन्ज मोहन शर्मा ने व्यास गदद्ी की पूजा अर्चना करने के दौरान कहा कि व्यस्तता से भरे इस मानव जीवन में अध्यात्म के जरिये शांति का एहसास होना परम आवश्यक है। उन्होने कहा कि कुम्भ नगरी में गंगा किनारे श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने वालों को निश्चित ही जीवन की दुश्वारियों से छुटकारा मिलती है। उन्होने कहा कि भगवान की लीला का विभिन्न स्वरूपों में वर्णन का श्रवण हमे जीवन जीने में सकारात्मक उर्जा भर देती है। कथा प्रारम्भ होने से पूर्व सामूहिक पूजा में राजस्थान ब्राहण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष गजाधर शर्मा,कुन्ज मोहन शर्मा,अशोक कुमार एडवोकेट,सियाराम एडवोकेट तथा सियाराम तिवारी शामिल हुये। गोर्वधन पूजा में राष्ट्रीय ब्राहमण महासभा के उपाध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष पदम प्रकाश शर्मा ने सविधि पूजन किया। भागवत कथा सप्ताह  के छठवे दिन संस्था अध्यक्ष मनोज शर्मा, सचिव छुठठन लाल सैनी,जय शिव गुप्ता,भागीरथ सोनी,के अलावा सुरेन्द्र सैनी,विकेश मनचन्दा,दिलीप मक्कड,दिलीप खण्डेलवाल,राजीव शर्मा तथा मनीष मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने व्यास गदद्ी की पूजा अर्चना कर देश प्रदेश के सुख-समृद्वि की कामना की। सायकालं कथा विश्राम के बाद प्रसाद वितरित किया गया। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।