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हर की पैड़ी पर बेहोश हुई किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर

 

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने नहीं किया शाही स्नान 

हरिद्वार। रविवार को कोरोना संक्रमित हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने सोमवती अमावस्या के शाही स्नान में शामिल नहीं हुए। वे श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के श्रीमहंत भी हैं। कोरोना संक्रमण के कारण वे रविवार से ही निरंजनी अखाड़ा स्थित अपने निवास में आइसोलेशन में हैं। रविवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी।

हर की पैड़ी पर बेहोश हुई किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर 

कोरोना संक्रमित होने के कारण अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि स्नान और निरंजनी अखाड़े के शाही जुलूस में शामिल नहीं हो सके। हरकी पैड़ी पर स्नान कर लौटते समय किन्नर अखााड़े की आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी बेहोश हो गयी। मेला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया।  कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर नहीं आने वाले बडी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार की सीमा से लौट गए। हालांकि कोरोना के खतरे के चलते लागू की एसओपी की वजह से इस बार शाही स्नान में पिछले कुंभ पर्वों की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। 


मीडिया पास को लेकर भी भ्रम,कई जगह मानने से इंकार

कुम्भ मेला के दौरान सूचना विभाग द्वारा मीडियाकर्मियों को जारी मेला पास को लेकर भी असमंजस की स्थिति रही। कई स्थानों पर बैरीकरिटंग के पास तैनात पुलिस कर्मियों ने पास को मानने से इंकार करते हुए दुपहिया वाहनों पर सवार मीडियाकर्मियों को भी वापस जाने पर मजबूर कर दिया। इतना ही नही सूचना विभाग कुम्भ मेला नोड़ल अधिकारी की ओर से तकरीबन एक हजार मेला पास जारी किया गया,इतनी बड़ी संख्या में मेला पास बनाने के औचित्य को लेकर चर्चा जारी है। दूसरी ओर सूचना विभाग द्वारा जारी पास से इतर पुलिस महानिरीक्षक मेला कार्यालय की ओर से एक अलग पास जारी किया गया,जो कि कुछ खास पत्रकारों अथवा पहुचवालों तक पहुच पाया। दो तरह के पास बनने की बात सामने आने के बाद पत्रकारों के बीच चर्चा होती रही।


मेला प्रशासन द्वारा श्रद्वालुओं की संख्या को लेकर चर्चा

प्रथम शाही स्नान शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया,सभी तेरह अखाड़ो के संतो ने शाही स्नान कर लिये। सायंकाल तक मेला प्रशासन की ओर से गंगा स्नान करने वाले श्रद्वालुओं की संख्या 31लाख से अधिक बताया गया,जबकि दिनभर सड़को पर जो आवागमन दिखाई दिया,वह अपने आप में प्रशासन के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। कई लोगों का मानना था कि इससे कही ंअधिक श्रद्वालुओं की भीड़ पिछले महाशिवरात्रि स्नान पर्व के मौके पर थी,फिर भी अगर मेला प्रशाासन की ओर 31 लाख से अधिक श्रद्वालुओं के सायकाल 6बजे तक गंगा स्नान करने का दावा किया जा रहा है तो हो सकता है कि मेला प्रशासन के पास श्रद्वालुओं की गिनती करने की अलग ही सिस्टम हो।हलांकि कई स्थानीय लोगों का मानना था कि करीब आठ से दस लाख श्रद्वालुओं ने ही गंगा स्नान में शामिल हो पाये।


नही दिखाई दी शटल बसें

कुम्भ मेला के प्रथम शाही स्नान पर शासन के साथ साथ मेला पुलिस की ओर से श्रद्वालुओ के लिए शटल बसें चलाने के दावे किये जाते रहे,लेकिन सोमवार को ज्वालापुर,रानीपुर मोड़,सहित विभिन्न मार्गो पर वृद्व से लेकर बच्चे तक पैदल की गंगा घाटों की ओर जाते दिखाई दिये। मेला आई जी ने कहा कि शटल बसों के माध्यम से श्रद्वालुओं को लाया और भेजा जायेगा,लेकिन सोमवार को सड़कों पर नजर नही आई शटल सेवा की बसें। 


डीजीपी संग मेला आईजी लेते रहे जायजा

प्रथम शाही स्नान को लेकर सोमवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं मेला पुलिस आइजी संजय गुज्याल लगातार सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ साथ अन्य व्यवस्थाअेां का जायजा अत्याधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम से लेते रहे। इस दौरान उनहोने हाइवे सहित विभिन्न मागों पर जारी गतिविधिायों के साथ साथ हर की पैड़ी नजरे गड़ायी रखी


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