हरिद्वार। नगर में रविदास गंगा शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। सभी धर्मों के लोगों ने जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। संत रविदास, डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ भगवान भोले शंकर, पार्वती, मीराबाई, माता कर्मा आदि की झांकियां शोभायात्रा में आकर्षण का केंद्र बनीं। शोभायात्रा जटवाड़ा पुल से प्रारंभ होकर हरकी पैड़ी पर पहुंचकर संपन्न हुई। शनिवार सुबह करीब 11ः30 बजे श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ज्वालापुर भाजपा विधायक सुरेश राठौर के नेतृत्व में विधि-विधान से रविदास गंगा शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा में सबसे आगे फोर्स और उनके पीछे बैनर झंडे चल रहे थे। इसके बाद गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी के प्रधान संत निर्मल दास, संत पुरुषोत्तम दास, संत इंदर दास, श्रवणदास, नारी शक्ति फाउंडेशन की चेयरमैन संतोष के साथ ही झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल, राहुल भारती, सुनील कुमार समेत बड़ी संख्या में जत्था चल रहा था। 30 लोगों की एक टीम श्री गुरु रविदास पालकी के आगे पानी डालकर झाडू से साफ सफाई करते हुए चल रही थी। इनके पीछे गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश राठौर अपनी पत्नी रविंदर कौर राठौर के साथ ही कई श्रद्धालुओं के साथ रथ में चल रहे थे। पीछे-पीछे विभिन्न झांकियों के साथ विभिन्न राज्यों से पहुंचे रविदास समाज के लोग पैदल और वाहनों में चल रहे थे। शोभायात्रा ज्वालापुर कोतवाली रोड से कस्साबान पुलिया से होते हुए ऊंचा पुल, आर्य नगर चैक, शंकर आश्रम तिराहा, चंद्राचार्य चैक, पुराना रानीपुर मोड़, ऋषिकुल, देवपुरा चैक, रेलवे रोड से होते हुए शिवमूर्ति चैक, ललतारौ पुल, वाल्मीकि चैक से होकर पोस्ट ऑफिस, अपर रोड से होते हुए हरकी पैड़ी पर पहुंचकर संपन्न हुई। इसके बाद सभी ने हरकी पैड़ी पर स्नान किया।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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