हरिद्वार। महाकुंभ में निरंजनी अखाड़ा द्वारा कुंभ समाप्त किए जाने के निर्णय के बाद लगातार विवाद गरमाया गया हुआ है। बैरागी अखाड़ो की नाराजगी के बाद अब जूना अखाड़े ने अपनी तरफ से बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ में जूना अखाड़ा चारों शाही स्नान करेगा और कुंभ तय समय के अनुसार अवधि पर समाप्त करेगा। जूना अखाड़े के श्री महंत नारायण गिरी का कहना है हरिद्वार महाकुंभ में अभी चार स्नान बाकी है, लिहाजा जूना अखाड़ा २६ मई तक कुंभ मनाएगा कुंभ की अपनी परंपरा है, जिसका पालन संतो को करना चाहिए कुंभ किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है बल्कि हजारों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का एक उत्सव है। इस बयान से साफ हो गया है की जूना अखाड़ा कुंभ अवधि पूरी होने के बाद ही हरिद्वार छोड़ेगा। साथ ही नारायणगिरी ने कहा कि हमारे द्वारा कल कोरोना की जांच कराई गई है जिसका हमें इंतजार है हम कोरोना की गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं और सावधानी बरत रहे हैं जब तक रिपोर्ट नहीं आती है तब तक हमारे सभी संत जिन्होंने जांच कराई है आइसोलेट हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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