हरिद्वार। माहे रमजान के मौके पर साफ सफाई एवं पथ प्रकाश की व्यवस्था को लेकर ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल को ज्ञापन सौंपा। ईदगाह कमेटी के सेक्रेटरी हाजी नईम कुरैशी ने कहा कि माहे रमजान का पवित्र महीना प्रारम्भ होने वाला है। उपनगरी ज्वालापुर की मस्जिदों के आसपास सफाई व्यवस्था को नियमित रूप से लागू कराय जाए। मस्जिदों के समक्ष उचित पथ प्रकाश की व्यवस्था को भी सुचारू किया जाना जरूरी है। रोजेदार मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं। आसपास के क्षेत्रों में सेनटाइज अभियान भी चलाया जाए। नईम कुरैशी ने कहा कि संबंधित विभागों को आदेशित कर उपनगरी ज्वालापुर की जनहित की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। माहे रमजान आपसी सौहार्द व भाईचारे का दर्शाता है। नईम कुरैशी ने मौहल्ला लोधामंडी ज्वालापुर काली मंदिर के सामने सीवर लाईन काफी समय से चोक है। गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। पार्षद इसरार अहमद व सुभान कुरैशी ने कहा कि माहे रमजान का पवित्र महीना प्रारम्भ हो रहा है। सड़कों का कूड़ा नियमित रूप से उठना चाहिए। बहते सीवर की समस्या का भी निदान किया जाए। उचित पथ प्रकाश व्यवस्था लागू की जाए। जिससे रोजेदारों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। ईदगाह मार्ग की हालत खस्ता है। सड़क के गड्ढे लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। नाले नालियों की समुचित सफाई व्यवस्था की जानी चाहिए। ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल से आग्रह करते हुए कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उपनगरी ज्वालापुर की समस्याओं का निदान किया जाए। जिससे लोगों को माहे रमजान में किसी प्रकार की असुविधा ना झेलनी पड़े। ज्ञापन सौंपने वालों में हाजी मौहम्मद शमीम, हाजी रफी खान, हाजी जमील आदि भी शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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