हरिद्वार । मेलाधिकारी दीपक रावत एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कुम्भमेला जनमेजय खण्डूरी ने सोमवार को नारसन बार्डर का औचक स्थलीय निरीक्षण किया।मेलाधिकारी ने नारसन बाॅर्डर पर उपस्थित ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की नमामि बंसल से बसों और निजी बसों व अन्य वाहनों से आने वाले यात्रियों के पंजीकरण, आरटीपीसीआर जांच, को िवड निगेटिव रिपोर्ट और मेडिकल सर्टिफिकेट आदि की जांच की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने साथ ही जिनके पास 72 घंटे के भीतर की निगेटिव रिपोर्ट न होने पर उनकी जांच कराने या फिर उन्हें वापस भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां पर शौचालयों, पीने के पानी, साफ-सफाई आदि की भी जानकारी ली। मेलाधिकारी ने कहा कि जो श्रद्धालु कुम्भ नगरी हरिद्वार मेला क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें कुम्भ की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा, जिसके लिये स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, फोटो पहचान पत्र एवं आर0टी0पी0सी0आर0 नेगेटिव रिपोर्ट जो 72 घण्टे से ज्यादा पुरानी न हो, आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिना पंजीकरण कुम्भ मेला क्षेत्र में ठहरने की अनुमति नहीं है तभा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड-19 के सन्दर्भ में जारी गाईडलाइन का पालन आवश्यक है अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई की जायेगी। दीपक रावत ने मौके पर कई वाहनों एवं बसों की जांच भी की, जिनमें से एक गाड़ी जो हरियाणा से तथा एक गाड़ी जो उत्तर प्रदेश से आई थी, के यात्रियों ने न तो कुम्भ की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण किया था और न ही आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया था, को तुरन्त बाॅडर से ही वापस कर दिया तथा उन्हें पंजीकरण एवं आरटीपीसीआर टेस्ट कराकर ही हरिद्वार आने को कहा। मेलाधिकारी ने नारसन बाॅर्डर पर संचालित काउण्टरों पर जाकर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली। अधिकारियों ने बताया कि प्रातः छह बने से दोपहर बारह बजे तक 2231 लोग आरटीपीसीआर की नगेटिव रिपोर्ट लेकर आये तथा 12 गाड़ियां जो बिना पंजीकरण या आरटीपीसीआर की रिपोर्ट के बगैर आये थे, उन्हें वापस लौटाया गया। औचक निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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