हरिद्वार। ज्वालापुर क्षेत्र में त्रिमूर्ति नगर के समीप आग लगने से बेघर हुए लोगों की मदद के लिए निरंतर लोग आगे आ रहे हैं। झोंपड़ियों में आग लगने से दर्जनों परिवारों का सबकुछ जलकर खाक हो गया है। लोगों के पास खाना बनाने के लिए बर्तन तक नही बचे हैं। ऐसे में ज्वालापुर के कुछ समाजसेवियों ने पीड़ित परिवारों को गैस सिलेण्डर, चूल्हा, बर्तन, खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी है। मदरसा दारूल उलुम रशीदिया के प्रबंधक मोलाना आरिफ के प्रयासों से समाजेसवी शाहनवाज सिद्दकी, जमशेद खान, मुकर्रम अली, क्षेत्रीय पार्षद जफर अब्बासी, जाफिर अंसारी, शहजाद मंसूरी, छोटा ख्वाजा, तालिब ख्वाजा ने परस्पर सहयोग से पीड़ितों को मदद पहुंचायी। मौलाना आरिफ ने बताया कि झुग्गी झोंपड़ियों में आग लग जाने से कई गरीब परिवार बेघर हो गए हैं। पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आए सभी समाजसेवी बधाई के पात्र हैं। शाहनवाज सिद्दकी व जमशेद खान ने बताया कि पीड़ितों की मदद करना सबका फर्ज है। अग्निकांड में सबकुछ गंवा चुके परिवारों की पीड़ा की जानकारी मिलने पर अन्य सभी के सहयोग से जरूरी सामान व खाद्य सामग्री जुटाकर उन्हें मदद पहुंचायी गयी है। पवित्र रमजान के महीने में सभी को आगे आकर पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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