हरिद्वार। कुम्भ मेला अधिकारी दीपक रावत तथा आईजी मेला सजंय गुंज्याल ने मंगलवार को होने वाले आगामी चैत्र पूर्णिमा शाही स्नान पर्व की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में बड़े अखाड़े के पदाधिकारियों महंत दुर्गादास,महंत महेश्वर दास,महंत अद्वेतानंद, कोठारी दामोदरदास, व्यास मुनि जी, निर्मल से देवेंद्र शास्त्री ,कोठारी जसविंदर सिंह, नया उदासीन से सचिव जगतार मुनि जी से विचार-विमर्श किया गया। अखाड़ों के पदाधिकारियों के द्वारा इस विचार-विमर्श के दौरान सर्वसम्मति से मेला पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों आश्वस्त किया गया कि आगामी चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के दौरान उत्तराखंड सरकार की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। शाही जुलूस में अखाड़ों के साधु-संत सीमित संख्या में स्नान हेतु आयेंगे, वाहन भी सीमित संख्या में प्रयोग किये जायेंगे और शाही स्नान के दौरान आम जनों को सम्मिलित नही किया जाएगा। इसके अलावा स्नान के लिए जो समय सारिणी मेला पुलिस-प्रशासन तय करेगा उसका पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा। आगामी अंतिम शाही स्नान के सम्बंध में इसी प्रकार का आश्वासन पूर्व में बैरागी अखाड़ों के पदाधिकारियों के द्वारा भी मेला पुलिस-प्रशासन को दिया जा चुका है। मेला पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा भी अखाड़ो के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया गया कि अंतिम शाही स्नान के दौरान सुरक्षा एवं सुविधाओं के चाक चैबंद इंतजाम किए जाएंगे। इस बैठक में अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह, सीओ यातायात कुम्भ प्रकाश देवली, सीओ अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल एवं प्रभारी निरीक्षक कुम्भ थाना कनखल श्रीमती भावना कैंथोला भी सम्मिलित रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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