हरिद्वार- कुम्भ में विभिन्न तबकों के लोगों के मुंह पर बड़ी संख्या में भगवा रंग के मास्क दिखें तो समझ जाइए यह हंस फाउंडेशन द्वारा प्रदत है, जिसके एक कोने में फाउंडेशन का अपना लोगो भी लगा है। बेहतर क्वालिटी के इन मास्कों के वितरण का अभियान माता मंगला जी के हंस फाउंडेशनव हंस कल्चरल सेंटर द्वारा चलाया जा रहा है। फाउंडेशन द्वारा नेत्र चिकित्सा के कई निःशुल्क शिविर चलाये जा रहे हैं जहां आंखों के आपरेशन व बड़ी संख्या में चश्में वितरित किए जा रहे हैं। इनके कुशल चिकित्सक स्वास्थ्य शिविर भी चला रहे हैं। वैसे पूरे कुम्भ क्षेत्र में फाउंडेशन के अलावा अन्य दर्जनभर समाज सेवी संस्थाओं द्वारा भी नेत्र चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर चलाए जा रहे हैं। जिससे लोगों को लाभ मिल रहा है।हंस फाउंडेशन के सूत्रों के अनुसार, यह संस्था जहां दूरदराज के पहाड़ी गांवों में स्वास्थ्य और महिला स्वावलंबन के दर्जनों प्रकल्प चला रही है वहीं असम व मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों की बेटियों का सामूहिक विवाह, गरीब होनहार बच्चों के लिए व्यवसायिक शिक्षा में मदद व बनारस में दो प्रतिष्ठित घाटों का निर्माण व रखरखाव का काम कर रही है। फाउंडेशन के सूत्रों के अनुसार, फिलहाल कुम्भ में कोरोना से बचाव के लिए पांच लाख मास्क वितरण का लक्ष्य रखा गया है पर जरूरत पड़ी तो और भी वितरित किए जाएंगे। फाउंडेशन के स्वयं सेवक मास्क वितरण में रात-दिन जूटे हैं। नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर ने भी दिव्यागों के निःशुल्क आपरेशन व कृत्रिम अंग वितरण के लिए बैरागी कैंप में अपना शिविर लगा रखा है, जो यहां 28 अप्रैल तक चलेगा। विभिन्न अखाड़ों व आश्रमों ने अपने शिविर के सामने भोजन, हलवा, खिचड़ी आदि पकवानों के निःशुल्क स्टाल लगा रखे हैं और लोगों को बुला बुलाकर भोजन करवाने में जुटे हैं। इस प्रकार यह कुम्भ धर्म, आस्था और सेवा का अद्भुत संगम बन गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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