हरिद्वार। लगातार दो दिनों तक बारिश के बाद बालावाली क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा नदी के दो धाराओं के बीच में प्लेज की खेती कर रहे कुछ लोग तथा उनके जानवर फंस गए हैं तथा गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिस कारण उन्हें रेस्क्यू कर निकाला जाना अत्यंत आवश्यक है। सूचना प्राप्त होते ही चैकी प्रभारी बालावाली ने उपजिलाधिकारी को सूचना दी। सूचना के बाद त्वरित कार्यवाही करते हुए आपदा कंट्रोल रूम हरिद्वार, पुलिस कंट्रोल रूम तथा जल पुलिस तथा एस0डी0आर0एफ0 की टीम को मय फोर्स तथा नाव व राफ्ट के साथ भेजने, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड रुड़की गंगनहर उत्तर प्रदेश को भी नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना देते हुए गंगा नदी के जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के लिए सूचित किया गया। राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन आदि भी को मौके पर पहुंचे। त्वरित कार्यवाही करते हुए एसडीआरएफ तथा जल पुलिस के सहयोग से लगभग 75 से अधिक लोगों को तथा उनके छोटे जानवरों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। उल्लेखनीय है कि सभी लोग उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तथा जहां यह फंसे हुए थे उसका अधिकांश क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा के अंतर्गत है। इसी तथ्य को मध्यनजर रखते हुए एसडीएम बिजनौर तथा एसडीएम नजीबाबाद को मौके से ही सूचना दी गई कि अपनी टीमों को सक्रिय कर दें। मौके पर शैलेंद्र सिंह नेगी उप जिलाधिकारी लक्सर के साथ विवेक कुमार पुलिस क्षेत्राधिकारी लक्सर, प्रदीप चैहान प्रभारी निरीक्षक कोतवाली लक्सर, आशीष नेगी, प्रभारी थानाध्यक्ष खानपुर, आशीष शर्मा चैकी प्रभारी गोवर्धनपुर, उपेंद्र सिंह बिष्ट चैकी प्रभारी बालावाली, सिताब सिंह राजस्व निरीक्षक खानपुर, फैजान खान, सचिन कुमार, अंजू कुमार, पंकज कुमार राजस्व उपनिरीक्षक आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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