हरिद्वार । शिक्षाविद् और श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब नई दिल्ली के पदाधिकारी रहे और श्री सप्त ऋषि आश्रम भूपतवाला हरिद्वार के प्रशासन डॉ.आर पी विज नहीं रहे। उनकी बीती रात 23 मई को नश्वर संसार को छोड़कर परलोक सिधार गए। उन्होंने ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली उन्हें पिछले हफ्ते एम्स में भर्ती किया गया था। वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे उनका इलाज एम्स के आईसीयू में चल रहा था। वे वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की खबर से सनातन धर्म परिवार और शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। डॉक्टर बीज 90 साल के थे वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए। सप्त ऋषि आश्रम हरिद्वार में प्रशासक का पद संभालने से पहले वे श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब नई दिल्ली के वित्त मंत्री और कार्यालय मंत्री रहे और कई सालों तक वे केंद्रीय पदाधिकारी रहे और वे 13 सालों तक एसडी कॉलेज अंबाला में प्राचार्य पद पर रहे वे सभा की कई शिक्षा समितियों के पदाधिकारी और सदस्य रहे। उनके निधन पर श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शिवकुमार,कार्यकारी अध्यक्ष इंद्रमोहन गोस्वामी, महामंत्री डॉ देशबंधु, उपाध्यक्ष और श्री मिथिलेश सनातन धर्म इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता प्रबंधक सतपाल ब्रह्मचारी उपाध्यक्ष महंत स्वरूप बिहारी शरण कोषाध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप जोशी उप प्रबंधक राजेंद्र शर्मा प्रधानाचार्या मीनाक्षी शर्मा पूर्व प्रबंधक सुनील दत्त पांडे प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य सुभाष सिंह,गंगा शरण खन्ना एडवोकेट पंडित पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी बालेंदु शर्मा, तोष जैन मनोज खन्ना सप्त ऋषि आश्रम के प्रबंधक विनोद सैनी आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि सुप्रबंधन कि एक मिसाल कायम करते हुए डॉक्टर विज ने सुचिता और मितव्यता को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि उनके चलें जाने से हमारे कॉलेज और सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा ने एक अनुभवी और जीवनभर सेवाभाव लिए समर्पित व्यक्तिव को खो दिया है। उनकी अपूरणीय क्षति हमे हमेशा ही खलती रहेगी ।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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