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 हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। वह बहुत ही सरल और मधुरभाषी संत थे। मायापुर स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी द्वारा कई सेवा के प्रकल्प चलाए जाते थे। वह हमेशा सभी संत महापुरूषों का सत्कार करते थे। उनके बताए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज एवं आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज को अपनी और से भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक दिव्य संत बताया और कहा कि उनके चले जाने से निरंजनी अखाड़े को जो क्षति पहुंची है। उसकी कभी भरपाई नहीं की जा सकती। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज ने ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखनगिरी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि महापुरुषों का जीवन सदैव ही परोपकार को समर्पित रहता है और संतों के सानिध्य में व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने अपने कुशल व्यवहार, तप एवं विद्वानता से भावी पीढ़ी को सदा ही संस्कारवान बनाने का कार्य किया। राष्ट्र निर्माण में उनके अहम योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि संत सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं और ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज तो साक्षात त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। श्रीमहंत दिनेश गिरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज एक महान पुरुष थे। स्वामी रघु वन महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदा व्यवहारिक रूप से उपस्थित रहती है। पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन श्रीमहंत लखन गिरी महाराज एक विद्वान महापुरुष थे। समाज कल्याण में उनका अहम योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान श्रीमहंत शंकरानन्द सरस्वती, महंत गिरजानन्द सरस्वती श्रीमहंत राधे गिरी, महंत नीलकंठ गिरी, महंत नरेश गिरी, महंत केशव पुरी, स्वामी आलोक गिरी, दिगंबर गंगागिरी, दिगंबर बलवीर पुरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, स्वामी मधुर वन, स्वामी रविवन सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

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ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।